देखिए पृथ्वी पर एक साल में 365 दिन होते हैं और उसमें कुल 8,760 घंटे होते है। जबकि केपलर टेलिस्कोप ने ऐसा ग्रह ढूंढ निकाला है जिसमें सात घंटे होते ही साल खत्म हो जाता है। इसका मतलब ये हुआ कि पृथ्वी के हिसाब से यहां पर सात घंटे में ही आपकी 1,251 साल हो जायेगी। मतलब अगर आप वहां से एक साल बाद लौटे तो यहां के लोगों से कई शताब्दी आगे निकल जायेंगे।
सबसे तेज सूर्य की परिक्रमा करने वाला ग्रह
केपलर टेलिस्कोप के खोजे गए इस गह को अंतरिक्ष का सबसे तेज प्लेनिट कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस ग्रह का सूर्य की परिक्रमा करने का समय महज 6.7 घंटों का ही बताया जा रहा है। इस ग्रह का नाम ईपीआईसी 246393474 बी रखा गया है, वैसे इसका एक दूसरा नाम भी है सी 12_3474 बी।
क्या है केपलर
केपलर एक ग्रह अन्वेषी यानि प्लेनिट हंटिंग टेलिस्कोप है, जो वो अब तक करीब 2300 ग्रहों की खोज कर चुका है। इस नए ग्रह को उसने धरती के एकदम पास ही खोजा है। 2013 केपलर ने के2 मिशन की शुरुआत की थी। ये ग्रह धरती से लगभग 5 गुना बड़ा बताया जा रहा है। इस ग्रह में भारी पत्थर मौजूद हैं जिसमें 70 प्रतिशत तक आयरल होने की संभावना व्यक्त की गई है।
रहने योग्य नहीं है ये ग्रह
वैज्ञानिकों की माने तो स्टेलर रेडिएशन के चलते यहां का वातावरण इंसानों के रहने योग्य नहीं है, इसलिए पृथ्वी के करीब होने के बावजूद इसे मानवीय कॉलोनी के तौर पर विकसित करने की संभावना नहीं है। इस ग्रह के बारे में अभी तक प्रमाणिक तौर पर यह पता नहीं चल पाया है कि एक दिन कितने घंटे का होगा। अभी तक ट्रैक किए दिन प्रति वर्ष से केवल इतना स्पष्ट हुआ है कि यहां 7 घंटे का एक साल होगा। फिलहाल वैज्ञानिक इस ग्रह पर शोध कर रहे हैं।