एनजीटी ने कहा कि वायु प्रदूषण की स्थिति खराब से अति खराब हो गई है, और बच्चे प्रदूषण से बुरी तरह जूझ रहे हैं, और आप कार्य योजना भी नहीं दायर कर पाये हैं। जबकि हरियाणा और यूपी पहले ही एक्शन प्लान सौंप चुके हैं।एनजीटी ने पिछले 21 नवंबर को दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि दिल्ली में वायु प्रदूषण से नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ जुर्माना लगाया जाये। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि जो भी पर्यावरण जुर्माना देने से मना करता है, उस पर अतिरिक्त जुर्माना लगाकर एनजीटी में पेश होने का नोटिस दिया जाये। साथ ही एनजीटी ने कहा था कि जो भी कचरा जलाते हुए, या निर्माण गतिविधियों के दौरान धूल उत्सर्जन करते हुए पाया जाए, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने पर निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। एनजीटी ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया था कि वो एक ऐसा एक्शन प्लान बनायें, जिसको जैसे ही प्रदूषण का स्तर पीएम2.5 300 और पीएम10 500 पार कर जाए, तो हम उसे तुरंत लागू कर सकें।