भोपाल। देश को हिला देने वाले राजधानी गैंगरेप मामले में 7 दिन के अंदर फैसला आ सकता है। इसमें सभी 26 गवाहों के बयान दर्ज कराए जा चुके हैं। कोर्ट में आरोप तय होने के बाद ही ट्रायल शुरू हो गया था। पुलिस ने सभी 26 गवाहों के बयान के साथ गवाही पूरी हो गई है। कोर्ट आरोपियों के खिलाफ अगले एक हफ्ते में सजा सुना सकती है।
चारों आरोपी अभी सेंट्रल जेल भोपाल में बंद है। ये मध्य प्रदेश का पहला ऐसा फैसला होगा, जिसमें कोर्ट एक महीने के अंदर किसी घटना में फैसला सुना सकती है। कोर्ट में मामले की जांच कर रही एसआईटी ने मेडिकल रिपोर्ट के साथ सभी टेक्नीकल एविडेंस भी पेश कर दिए हैं। गैंगरेप की घटना के 15 दिन में पुलिस ने चार्जशीट पेश कर दी थी। चार्जशीट पेश होने के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हुए थे।
क्या हुआ था उस रात
31 अक्टूबर की देर शाम भोपाल आरपीएफ में पदस्थ एएसआई की बेटी के साथ चार आरोपियों ने हबीबगंज स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। घटना हबीबगंज आरपीएफ चौकी के पास हुई। पीडि़ता ने परिजनों के साथ खुद एक आरोपी को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया था। राजधानी में पीएससी की कोचिंग करने आई लड़की को कुछ दरिंदों ने अपनी हवस का शिकार बना डाला। प्रारंभिक तौर पर पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपी दो दिन बाद पकड़े जा सके।
पुलिस ने गैंगरेप के करीब 24 घंटे बाद केस दर्ज किया। इसके बाद ही जीआरपी ने फरार चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में गैंगरेप केस में 6 पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हुई। लापरवाही बरतने पर जीआरपी समेत 3 थाना प्रभारियों (TI) और दो एसआई को सस्पेंड किया गया। वहीं, एक सीएसपी को हटाकर पुलिस हेडक्वार्टर से अटैच किया गया था।