सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा है कि इसकी मियाद 31 मार्च तक बढ़ाई जा सकती है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो इसी हफ्ते आधार मामले की सुनवाई के लिए संविधान बेंच गठित करेगा, लेकिन ये संविधान बेंच गठित नहीं हो सका था, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इसे मेंशन किया।पिछले 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आधार को अनिवार्य बनाये जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए कोर्ट अगले हफ्ते संविधान बेंच का गठन करेगी।याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा था कि सरकार द्वारा की गई समयसीमा खत्म होने को है इसलिए उनकी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान बेंच का गठन किया जाए। तब केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकार समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा सकती है। बाद में केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर को समय सीमा बढ़ाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी।