एक इसाई पादरी के मुताबिक हिंदूवादी संगठने के युवाओं ने हंगामा करते हुए पहले नारे लगाए और फिर पूरे मामले की सूचना स्थानीय थाने को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस दो फादरों के साथ-साथ 32 छात्रों को गिरफ्तार करके थाने ले गई। इस पूरे मामले की जानकारी लेने आठ फादर थाने गए तो पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। इतना ही नहीं हंगामा कर रहे लोगों ने थाना परिसर में भी पुलिस की मौजूदगी के दौरान फादरों और छात्रों के साथ मारपीट की साथ ही थाने के बाहर खड़ी फादर की कार को आग के हवाले कर दिया।
चर्च की तरफ से बताया गया कि इस कार्यक्रम में सिर्फ क्रिसमस की तौयारी की जा रही थी। धर्मांतरण जैसा कोई प्रोग्राम नहीं था। जबकि नगर पुलिस अधीक्षक डीडी पांडे ने बताया कि धर्मेंद्र दोहड़ नाम के एक युवक ने यह शिकायत दर्ज करवाई है कि उसको धर्म बदलने के लिए पहले पांच हजार रुपए दिए गए, फिर तालाब में स्नान करवाया गया। शिकायत के मुताबित उसका नाम बदलकर धर्मेंद्र थॉमस कर दिया गया और कहा गया कि अब वो प्रभु यीशु की पूजा करें। थाने के बाहर फादर की कार जलाए जाने के मामले में पांडे का कहना है कि यह घटना शिक्षाधिकारी कार्यालय के बाहर की है। पुलिस ने इस घटना पर भी मामला दर्ज कर लिया है।
भाजपा की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने सफाई दी कि सतना की घटना के पीछे आपसी विवाद भी हो सकता है। भाजपा और उससे जुड़े संगठनों का कभी भी इस तरह की घटनाओं से वास्ता नहीं रहा है। भाजपा हमेशा लोकतांत्रिक तरीके से संवाद करती है। पिछले मामलों में भी भाजपा व अन्य संगठनों पर आरोप लगे, मगर जांच में कुछ और आया। यह घटना भी वैसी ही कुछ निकलेगी।