निर्भया की मां आशा देवी ने इस गैंगरेप की घटना के पांच वर्ष पूरे होने पर कहा कि पांच साल बीत जाने के बाद भी वे आरोपी आज जिंदा हैं। हमें समय पर इंसाफ नहीं मिला, इसलिए लोग डरे हुए हैं। हमारे देश में कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। चाहे वह नेता हो या आम आदमी।
16 दिसंबर 2012 को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 वर्षीय एक पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। साथ ही उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की और उसे बस से निर्वस्त्र कर फेंक दिया। इसी क्रम में पूरे देश में निर्भया गैंगरेप एक चर्चित केस बन चुकी थी। जिसके बाद में सिंगापुर के एक अस्पताल में निर्भया चल बसी। वहीं शीर्ष अदालत ने इस गैंगरेप और हत्या मामले में पांच मई को चार मुजरिमों. मुकेश 29 पवन 22 विनय शर्मा 23 और अक्षय कुमार सिंह 31 को मृत्युदंड की सजा को सही ठहराया। यहां यह बता दें कि इस मामले में एक अन्य आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रुप से खुदकुशी कर ली थी। जबकि एक नाबालिग आरोपी तीन साल तक सुधार गृह में रहकर बाहर निकल गया।