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बैरागढ़ के हिरदाराम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग में करोड़ों का माल जलकर खाक हो गया….

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राजधानी का उपनगर कहा जाने वाले बैरागढ़ का संत हिरदाराम शॉपिंग कॉॅम्प्लेक्स आग लगने से 100 करोड़ से ज्यादा का सामान जलकर चंद मिनटो में राख हो गया। आग किस वजह से लगी, इसकी पुष्टी नहीं हो सकी है वहीं आशंका है आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकता है। एक दुकान में लगी आग ने पूरा बाजार चपेट में ले लिया। शाम 7 बजे तक 100 से ज्यादा दुकानों का सामान जलकर खाक हो चुका था। रात 1:30 बजे तक सात दमकलें आग बुझाने में जुटी हुईं थीं। तीस साल पहले बीडीए ने बनाया था ये कॉम्पलेक्स…

बैरागढ़ का संत हिरदाराम शॉपिंग कॉॅम्प्लेक्स तीस साल पहले बीडीए ने बनाया था। शुरुआत में ग्राउंड फ्लोर पर 89 दुकानें थीं। इनमें 3 नगर निगम ने और शेष 86 दुकानें एक बिल्डर ने खरीदीं।बिल्डर ने 86 दुकानों के ऊपर 64 दुकानें और बनाईं। ग्राउंड और फ़र्स्ट फ्लोर मिलाकर पूरे बाजार में कुल 153 दुकानें हो गईं। वक्त के साथ तीस हजार वर्गफीट में फैले इस कॉॅम्प्लेक्स के कॉरिडोर पर कब्जा होता गया और दुकानों की संख्या 200 से ज्यादा हो गईं। यह अतिरिक्त निर्माण मूल स्ट्रक्चर पर अवैध था। इससे बिल्डिंग का वेंटिलेशन लगभग बंद ही हो गया। लोगों ने बताया कि कुछ व्यापारियों ने 40 से 45 हजार रुपए के महीने पर कॉरिडोर तक किराए पर दे रखे थे।

करीब 80 परसेंट नायलॉन, कपड़े और प्लास्टिक मटेरियल की थीं। इसलिए आग तेजी से भड़की। यहां के कारोबारियों को बड़े बिजनेसमैन ने माल उधार दे रखा था, जिसका बीमा भी नहीं था। सालों पुराना कॉम्प्लेक्स आग की घटना के बाद जर्जर हो गया है। कई दुकानों के शटर और दीवारें तोड़ी गईं हैं।

एडीएम के अनुसार बिल्डिंग के स्ट्रक्चर की टेक्निकल जांच कराई जाएगी। यदि रिपोर्ट में जर्जर होने की बात सामने आती है तो कॉम्पलेक्स को फिर से बनाया जाएगा। 90 दुकानें तो पूरी तरह जलकर खाक हो गईं।

पुलिस के जवानों ने दुकानों के बीच बनी एक कैंटीन में रखे आठ सिलेंडर बाहर निकाले। इनवर्टर की दुकान से छह बैटरियां भी समय रहते निकाल दीं।सेना की ओर से करीब 100 जवान फायर दमकलों के साथ आग बुझाने में जुटे थे।

बिजनेसमैन अनमोल अग्रवाल के मुताबिक, आग की सूचना दिए जाने के 1 घंटे बाद फायर ब्रिगेड पहुंची। उसमें भी सिर्फ ड्रायवर थे। आग पर काबू पाने के लिए कोई सिस्टम ही नहीं था। मेरी खुद की 5 दुकानें स्वाहा हो चुकी हैं। कई लोगों का बीमा नहीं था। बिजनेसमैन के मुताबिक, पूरा बिजनेस खत्म हो गया है। सामान बाहर निकलने तक का समय नहीं मिल पाया। जिंदगी भर की कमाई कुछ घंटों में स्वाहा हो गई। कॉम्पलेक्स के प्रेसीडेंट जगदीश आडवानी, के मुताबिक, व्यापारियों ने दुकानों में रखे अग्निशमन यंत्रों से आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। फायर अमले की गाड़ियां समय पर आती तो इतना नुकसान नहीं होता।

दमकल अमले के पास 10 मीटर से ज्यादा पाइप नहीं था, शुरुआत में दीवार तोड़ने के लिए उपकरण नहीं थे। सेना के जवान भी बदइंतजामी से परेशान हुए। भोपाल, बैरागढ़, गांधीनगर, एयरपोर्ट, आष्टा और सीहोर से दमकलों को बुलाना पड़ा। दोपहर बाद तक आती रहीं करीब पांच दर्जन से अधिक दमकलें। मार्केट की दीवारों के साथ स्टेडियम की सीढ़ियों को भी तोड़ा गया।

उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम के चलते फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां जंबूरी मैदान पर थीं। एक भेल मेले में और एक लाल परेड ग्राउंड पर वन मेले में थी। राजा भोज एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधीक्षक (फायर) मिलिंद देशमुख ने बताया कि हमें आग की सूचना 12:30 बजे मिली। उस समय उपराष्ट्रपति के विमान की लैंडिंग कराई जा रही थी। प्रोटोकॉल के अनुसार विमान के लैंड होने और उसे पार्क कराने के बाद स्पेयर में रखी गई दमकल को रवाना कर दिया गया था।

 

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