बैठक में उन्होंने चिंता जताई कि मौजूदा समय में विकास योजनाओं पर बेहद धीमी गति से काम हो रहा है। सरकार अफसरों को पूर्ण सहयोग देगी, लेकिन उन्हें अपने काम की औसत बढ़ानी होगी। ढर्रे पर चली आ रही व्यवस्था अब नहीं चलेगी। 100 दिन आपके पास हैं।हर विभाग के अधिकारियों को लंबित कार्यों को पूरा करने के साथ भविष्य में किन योजनाओं को लागू किया जा सकता है, इसका प्लान तैयार करना है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों को इस प्लान की प्रेजेंटेशन देनी है और लक्ष्य को पूरा करके दिखाना है।
बैठक मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री की अपेक्षा अनुरूप परिणाम दिया जाएगा। अगले कुछ दिनों में ग्राउंड जीरो पर काम होता नजर आएगा। इस अवसर पर आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह, ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. राजीव सैजल के अलावा प्रधान सचिव मुख्यमंत्री मनीषा नंदा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।कर्ज में डूबे प्रदेश को उबारने के लिए नए मुख्यमंत्री ने कवायद शुरू कर दी है। जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदेश की आर्थिक स्थिति से अवगत कराते हुए बेलआउट पैकेज की मांग की है।
आर्थिक सहायता के लिए वह वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मिले। उन्होंने प्रदेश के लिए विभिन्न विकास योजनाओं के लिए वित्तीय सहयोग मांगा है। नए साल के पहले दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हिमाचल पर करीब 46500 करोड़ रुपये का कर्ज है। पूर्व कांग्रेस सरकार ने बिना बजट के धड़ाधड़ उद्घाटन और शिलान्यास किए। कई गैर जरूरी तैनातियां कीं। पिछली सरकार लोन लेने की लिमिट को पहले ही पार कर चुकी है। ऐसे में कर्ज के चक्रव्यूह को तोड़ने के साथ ही प्रदेश के विकास कार्यों को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए केंद्र से मदद मांगी गई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। बेलआउट पैकेज के लिए पीएम ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।