मध्य प्रदेश में एक बार फिर पेट्रोल और डीजल महंगा हो गया है. राज्य सरकार पेट्रोल- डीजल पर सेस लगा दिया. गुजरात चुनाव के पहले विपक्ष के तेज होते हमलों के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर शिवराज सरकार ने पेट्रोल से तीन और डीजल से पांच प्रतिशत वैट घटाया था.
शिवराज कैबिनेट की मंगलवार को राजधानी भोपाल में हुई बैठक में पेट्रोल-डीजल पर 50 पैसे प्रति लीटर सेस के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कैबिनेट के पूर्व निर्धारित एजेंडे में सेस का प्रस्ताव शामिल नहीं था. इस प्रस्ताव को अलग से रखा गया था. इससे सरकार को हर साल 200 करोड़ रुपए मिलेंगे. दावा है कि इस राशि का इस्तेमाल सड़कों के निर्माण के लिए किया जाएगा.
गुजरात चुनाव के पहले शिवराज सरकार ने 13 अक्टूबर को पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले कर को कम करने का ऐलान किया है. इसके प्रभावस्वरूप राज्य में डीजल 4 रुपये और पेट्रोल 1.62 रुपये सस्ता हो गया था. इस कदम से सरकार को दो हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष राजस्व की हानि होगी.
दरअसल, राज्य सरकार की वित्तीय हालत ठीक नहीं है. जीएसटी के बाद कर संग्रहण में भी काफी गिरावट हुई है. ऐसे में राज्य सरकार अपना खजाना भरने के लिए नित नए प्रावधान लागू कर रही है. इसके तहत ही पिछले दिनों गुपचुप तरीके से रजिस्ट्री पर शहरी प्रभार शुल्क एक प्रतिशत बढ़ा दिया गया.