सचिवालय में अफसरों की लेटलतीफी नई सरकार के नए मुखिया को अखरने लगी है। मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने सचिवों को ऑफिस टाइमिंग में सुधार लेने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के 100 दिन में कामकाज पटरी में लाने के नौकरशाही को आदेश के बाद मुख्य सचिव उसका अनुपालन करवाने में जुट गए हैं। मुख्य सचिव ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, सचिवों और अतिरिक्त सचिवों को सुबह 10 बजे से पहले कार्यालय पहुंचने का फरमान सुनाया है। कुछ अधिकारियों के समय से नहीं आने से सचिवालय की कार्य संस्कृति पर सवाल उठते रहे हैं।
नए सरकार के गठन के बाद से मुख्यमंत्री जयराम ने वीरभद्र सरकार की कार्य संस्कृति पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने वीसी फारका को हटाकर विनीत चौधरी को मुख्य सचिव का जिम्मा सौंपा।मुख्यमंत्री का पहला आदेश भी टायर्ड और रिटायर्ड कर्मचारियों को हटाने का रहा। इस आदेश के बाद सरकारी विभागों में रिटायरमेंट के बाद पुनर्नियुक्ति पर हजारों कर्मचारियों को हटाया गया। मुख्यमंत्री ने अफसरों को अपने पहले संबोधन में 100 दिन की डेडलाइन दी है।
इसके बाद अब मुख्य सचिव ने अफसरों को समय से ऑफिस आने का फरमान सुनाया है। मुख्य सचिव के जारी आदेश में साफ है कि अफसरों को अगर संबंधित विभाग की बैठक सचिवालय से बाहर करनी है तो उस स्थिति में देरी हो सकती है। मुख्य सचिव के इस आदेश को मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं से जोड़कर देखा रहा है।