साथ ही भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिया गया है। बुरहानपुर, बैतूल, सिवनी, छिडवाड़ा, और बालाघाट जिलों के सभी अधिकारियों को गृह विभाग की तरफ से अलर्ट कर दिया गया है। प्रदेश सरकार का आशंका है कि पिछले साल महाराष्ट्र में छिड़े किसान आंदोलन की तरह इस बार भी जातीय संघर्ष की आग सीमावर्ती जिलों को अपनी चपेट में ले सकती है। हालात को देखते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही सभी तरह के ऐतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के आईजी इंटेलिजेंस मकरंद देउस्कर का कहना है कि महाराष्ट्र के सीमावर्ती सभी जिलों के सभी अधिकारियों को हालात पर बारीकी से नजर रखने के आदेश दिए गए हैं। इससे पहले गुरुवार को बुरहानपुर में भीम आर्मी और बुद्धिस्ट सोसाइटी के बंद के दौरान शहर में तोड़-फोड़ की घटनाएं हुईं थी, जिसके बाद पुलिस महकमा हरकत में आया और चंपे-चंपे पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई हैं। साथ ही इस मामले में 8 आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। महाराष्ट्र में हुए जातीय संघर्ष के बाद भोपाल में भी कुछ दलित संगठनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मशाल जुलूस निकालकर दलितों में अपना विरोध जताया। प्रदर्शन कारियों ने बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।