Home मध्य प्रदेश महिला स्व-सहायता समूहों की मदद के लिये हर जिले में होगा एक...

महिला स्व-सहायता समूहों की मदद के लिये हर जिले में होगा एक नोडल अधिकारी….

32
0
SHARE

महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता : सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी
महिला स्व-सहायता समूहों को मिलेंगी नई जिम्मेदारियां
“दिल से” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्यों से चर्चा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों की आर्थिक गतिविधियां आँदोलन का रूप ले रही हैं।महिला स्व-सहायता समूहों को मजबूत बनाने और आर्थिक गतिविधियां चलाने में उनकी मदद और तकनीकी परामर्श के लिये हर जिले में एक नोडल अधिकारी होगा। ये नोडल अधिकारी संबंधित विभागों, जिला प्रशासन, बैंकों और संबंधित संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर स्व-सहायता समूहों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे।

मुख्यमंत्री आज यहां आकाशवाणी और दूरदर्शन से प्रसारित दिल से कार्यक्रम में महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्य बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होने स्व-सहायता समूहों के गठन, प्रबंधन, उत्पादों, मार्केटिंग, संगठनात्मक शक्ति, नई जिम्मेदारियां पूरी करने और महिला सुरक्षा से जुड़े कई विषयों पर विस्तार से बातचीत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मासूम बेटियों के साथ दुराचार करने वाले हैवानों को फांसी देने का कानून बनाकर राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिये भेजा गया है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिये किये गये कई अनूठे प्रयासों और उपायों की भी विस्तार से चर्चा की।

श्री चौहान ने कार्यक्रम में मकर संक्रांति की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि सहभागिता, बंधुत्व तथा परस्पर सहयोग की भावना को बढ़ाकर जन-जीवन में आनंद का संचार करने के लिये ग्रामीण और शहरी, सभी क्षेत्रों में 14 से 21 जनवरी तक आनंद उत्सव मनाया जा रहा है।

स्व-सहायता समूहों को मिलेंगी नई जिम्मेदारियां

श्री चौहान ने कहा कि सरकार महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को कई सहूलियतें दे रही है। स्व-सहायता समूहों की प्रशिक्षण नीति की समीक्षा कर नई नीति बनाई जायेगी। यदि स्व-सहायता समूह  अच्छी गुणवत्ता का कोई उत्पाद बनाते हैं, तो उनके उत्पादों की खरीदी पर भी विचार किया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के स्व-सहायता समूह के फेडरेशन को टेक होम राशन निर्माण की जिम्मेदारी दी जा रही है। उन्हें उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि वे वैज्ञानिक रूप से पोषण आहार तैयार कर सकें। उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन को मिलने वाले पांच करोड़ रुपये तक के लोन की बैंक गारंटी सरकार देगी। राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित और अन्य स्व-सहायता समूह द्वारा लिये गये ऋण पर देय ब्याज का तीन प्रतिशत ब्याज सरकार चुकायेगी। उन्हें स्टाम्प शुल्क नहीं लगेगा।

श्री चौहान ने कहा कि कई महिला स्व-सहायता समूह विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ी में गर्म पोषण आहार उपलब्ध करवा रहे हैं। ये समूह लगभग 1500 करोड़ रूपये का कार्य कर रहे हैं। इन समूहों से जुड़ी बहनों को अब स्कूली बच्चों के यूनिफार्म बनाने की जिम्मेदारी भी दी जा रही है। ये प्रति वर्ष 70 लाख बच्चों की यूनिफॉर्म तैयार करेंगी। इससे वह 280 करोड़ रूपये का सालाना कारोबार करेंगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में बिजली मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण कार्य में भी महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ा जा रहा है। उन्हें बिजली मीटर रीडिंग, बिल वितरण और राजस्व वसूली की जिम्मेदारी मिलेगी। यह व्यवस्था प्रयोग के तौर पर पहले रायसेन, विदिशा एवं राजगढ़ जिले के 10-10 गांव में शुरू होगी।

श्री चौहान ने कहा कि स्वच्छता अभियान को कामयाब बनाने में स्व-सहायता समूहों की मदद ली जायेगी। इन बहनों को वाहन एवं सफाई में काम आने वाले उपकरणों के लिये वित्तीय सहायता दी जायेगी। वे सफाई दूत बनेंगी और उनके समूहों की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्व-सहायता समूह की 7300 महिलाएं मनरेगा के अंतर्गत कार्यों का सोशल आडिट कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक समय की नारी अबला नहीं बल्कि सबला है और बेटियां अब बोझ नहीं वरदान  हैं। उन्होंने कहा कि परिवार, समाज, प्रदेश और देश की उन्नति के लिये महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण जरूरी है। इसके लिये महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को मजबूत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने का मजबूत इरादा रखने वाली बहनें जब एकजुट होकर कोई काम करती हैं, तो बड़ी से बड़ी मुश्किल आसान हो जाती है। एक जैसी सोच रखने वाली बहनों का समूह ही स्व-सहायता समूह का रुप ले लेता है। उन्होंने कहा कि जब दृढ़ संकल्प, कौशल, लगन और  आत्मविश्वास  एक साथ मिल जायें तो इतनी ऊर्जा उत्पन्न होती है कि कोई भी काम असंभव नहीं रहता। जब एक जैसी सोच वाले लोग मिलकर काम करें तो प्रगति के नये रास्ते खुलने लगते हैं। बहनों को आगे बढ़ने के अवसर मिलें, तो वे समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं।

ढ़ाई सौ करोड़ की बचत

मुख्यमंत्री ने बताया कि करीब दो लाख से ज्यादा महिलाओं के स्व-सहायता समूहों की बचत  ढ़ाई सौ करोड़ रुपए हो गई है। विपत्ति में इससे मदद मिलती है। उन्होने बताया कि 1 लाख 43 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों की सदस्य बहनों की सालाना आमदनी 1 लाख रुपये से भी ज्यादा हो रही है। वे अपने परिवारों में खुशहाली लाई हैं।

मुख्यमंत्री करेंगे समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं महिलाओं के स्वसहायता समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग करेंगे। कई स्व-सहायता समूह के उत्पाद ब्रांडेड कंपनियों के उत्पादों से बेहतर हैं। जड़ी-बूटी युक्त साबुन, कुटकी चावल, अगरबत्ती, रोस्टेट अलसी, गुड़ और फल्ली दाने की चिक्की, फूल मालाएं, हल्दी पाउडर जैसे उत्पादों की चर्चा बाजार में हो रही है। उन्होने कहा कि महिला स्व-सहायता समूह साबुन-निर्माण, गुड़, मूंगफली चिक्की निर्माण, अगरबत्ती उत्पादन, सब्जी उत्पादन, हथकरघा, परिधान-निर्माण, सेनेटरी नेपकिन निर्माण, मुर्गीपालन एवं विभिन्न कृषि आधारित आदि कार्य कर रहे हैं। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इनके द्वारा वर्मीपीट और नॉडेप भी बनाये गये हैं।

डिण्डौरी जिले में महिलाएं कोदो-कुटकी का उत्पादन एवं प्रसंस्करण कर रही हैं। एक परियोजना में आंगनवाड़ियों में कोदो-कुटकी की चिक्की भी प्रदाय कर रही हैं। महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों ने 10 मुर्गी उत्पादक कम्पनियां बनाई हैं जिनमें पांच हजार से ज्यादा महिलाएं मुर्गी पालन एवं मुर्गियों का व्यापार कर रही हैं। वर्ष 2016-17 में इन महिलाओं ने लगभग 175 करोड़ रुपये का व्यापार किया है।

आर्थिक गतिविधियों के अलावा महिलाओं के स्व-सहायता समूह सामाजिक जन-जागरण के कामों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसमें नशा-मुक्ति, बाल विवाह रोकने, बेटी बचाओ-बेटी बढ़ाओ अभियान जैसे सामाजिक कार्य शामिल हैं।

सफल स्व-सहायता समूहों की सराहना

मुख्यमंत्री ने कई सफल स्व-सहायता समूहों का उल्लेख करते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने बड़वानी जिले के भिलखेड़ा गांव के गणेश स्व-सहायता समूह, सागर जिले के देवरी विकासखंड के सिमरिया के सपना स्व-सहायता समूह, शहडोल जिले के सुहागपुर विकासखंड के कल्याणपुर के लक्ष्मी स्व-सहायता समूह, श्योपुर जिले के रतोदन गांव के महादेव स्व-सहायता समूह की चर्चा की और इनसे जुड़ी महिला सदस्यों की आर्थिक प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने बैतूल जिले के 70 गांवों की 931 आदिवासी महिलाओं की सतपुड़ा वूमन सिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे इन महिलाओं ने रेशम उत्पादन से अपनी जिन्दगी बदली।

महिला सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

महिला सुरक्षा के प्रति सरकार का संकल्प दोहराते हुए श्री चौहान ने कहा कि बेटियों की गरिमा को धूमिल करने वालों को फांसी होगी।  इसके लिये कानून बनाकर राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिये भेजा गया है। उन्होने महिला सुरक्षा के लिये किये गये प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि 82 हजार से अधिक शौर्या दल कार्य कर रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य स्तरीय महिला हेल्प लाईन 1090 शुरू की गई है, जिसमें महिलाएं निडर होकर अपनी शिकायतें दर्ज करा रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिये जिला मुख्यालयों में निर्भया पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है।

बिना सीसीटीवी वाली बसों को परमिट नहीं

श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में मैत्री पुलिस पेट्रोलिंग शुरू की गई है। इसमें पेट्रोलिंग वाहन विद्यालयों, महाविद्यालयों, उद्यानों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों की निगरानी करते हैं। महिला थाने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सतना, सागर, जबलपुर, रीवा, रतलाम और कटनी में स्थापित किये गये हैं। इनमें पीड़ितों की त्वरित सुनवाई होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल एवं सिटी बसों में बहनों और बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने और अपराधियों पर सख्त कार्यवाही करने के लिए इन बसों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है। जो बस मालिक कैमरे लगायेंगे,  उन्हें ही बस का परमिट दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके अलावा सभी जिलों में फास्टट्रेक कोर्ट गठित किये गये हैं। उन्होने बेटियों और महिलाओं से आग्रह किया किया सोशल मीडिया पर कोई भी व्यक्ति यदि अभद्र व्यवहार करता है तो आप निडर होकर पूरे साहस के साथ इसकी शिकायत करें। पुलिस की वेबसाइट एवं एप्प एम.पी.ई.कॉप पर एस.ओ.एस. सुविधा उपलब्ध है। इस सुविधा का उपयोग कर डायल 100 पर एवं अपने नजदीकियों को तत्काल जानकारी भेजी जा सकती है। श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं की शिकायतों की त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिये 141 महिला डेस्क स्वीकृत की गई हैं।

महिलाओं की सुरक्षा सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है और पूरी संवेदनशीलता के साथ सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, लेकिन समाज का सहयोग भी जरूरी है। उन्होंने समाज के सभी वर्गो का आव्हान किया कि वे सरकार के प्रयासों में पूरा सहयोग करें। बच्चों को महिलाओं और बेटियों का सम्मान करने का संस्कार दें। उन्होंने कहा कि इस विषय पर स्कूली पाठ्यक्रमों में इस संबंध में पाठ शामिल किये जायेंगे और नये सिरे से ‘बेटी बचाओ अभियान’ प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने भिण्ड जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार के सघन अभियान के फलस्वरूप अब भिण्ड में लिंगानुपात सुधर रहा है।

श्री चौहान ने स्वामी विवेकानंद जयंती- युवा दिवस की चर्चा करते हुए कहा कि स्वामी जी के विचारों में लोगों को ऊर्जावान बनाने कीअदभुत शक्ति है। श्री चौहान ने प्रदेश में 19 दिसम्बर से शुरू हुई ‘एकात्म यात्रा’ की चर्चा करते हुए कहा कि यह यात्रा चार अलग-अलग मार्गों से प्रारम्भ की गई है। केरल में शंकराचार्य जी की जन्मस्थली से ‘शंकराचार्य संदेश वाहिनी’ भी रवाना की गई है। सभी यात्रायें 21 जनवरी को ओंकारेश्वर पहुँचेंगी। इन यात्राओं के माध्यम से अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रति लोगों को जागरूक करना है। समाज के सहयोग से ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊँची आदि शंकराचार्य जी की अष्टधातु की विशाल प्रतिमा स्थापित की जायेगी।

श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश के रहने वाले विदेशों में बसे भारतीयों का इंदौर में फ्रेण्ड्स ऑफ एम.पी. सम्मेलन – 3 और 4जनवरी को आयोजित किया गया । इसमें 20 से अधिक देशों के मित्र शामिल हुये। सम्मेलन में मध्यप्रदेश के विकास में सहयोग से जुडे विषयों पर चर्चा हुई।

अपने शहरों को स्वच्छ बनायें

श्री चौहान ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने-अपने शहरों को साफ रखने में स्व प्रेरणा से योगदान दें। स्वच्छ सर्वेक्षण – 2018  में उत्साहपूर्वक भागीदारी करें। पिछले सर्वेक्षण में भारत के सौ में से 22 शहर मध्यप्रदेश के चुने गये थे। इस सर्वेक्षण में भी अपने शहरों की साफ-सफाई में योगदान दें। श्री चौहान ने कहा कि अगली 24 जनवरी को नर्मदा जयंती आ रही है। उन्होंने नर्मदा मैया को साफ सुथरा रखने का संकल्प दोहराने का आव्हान किया। भावांतर भुगतान योजना की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि इसे  सफलता मिली है। किसानों केलिये यह हितकारी साबित हुई है। अभी तक 6 लाख 35 हजार किसानों को 834 करोड़ रुपए का भुगतान किया हो चुका है। बाकी राज्य भी इसे अपने यहां लागू करने के लिये इसका अध्ययन कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here