इस दौरान सुबह देवता लाहुआ घोंड़ और माता भागासिद्ध के मंदिर में पूजा-अर्चना हुई। इसके बाद इस परंपरा को हारियानों और कारकूनों ने बखूबी से निभाया। कारकूनों के मुताबिक सभी हारियान गांव के नीचे एक देवस्थल में एकत्रित हुए और लोगों ने देव आज्ञा के बाद एक-दूसरे पर राख फेंकी और इस दौरान अश्लील तंज कसे जाते है और किसी इसका बुरा नहीं मानता।
माता भागासिद्ध के पुजारी मोहर सिंह ने बताया कि यह पुरानी परंपरा है। इस बार भी इस परंपरा को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान जहां हारियानों सहित दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने देवता लाहुआ घोंड़ के दर्शन किए वहीं, देवता से सुख-समृद्धि भी मांगी।