ज्योतिष में पांच तत्वों का अध्ययन किया जाता है. इसी क्रम में राशियों को चार तत्वों में बांटा गया है. जल, पृथ्वी, अग्नि और वायु. आकाश तत्व की कोई राशि नहीं है, पर इसको कुम्भ के निकट समझ सकते हैं. जल तत्व की तीन राशियां हैं – कर्क, वृश्चिक और मीन. ये राशियां जल के स्वभाव की हैं और चन्द्रमा का इनसे गहरा सम्बन्ध है. ये राशियां ज्ञान, कल्पना और उदारता की राशियां मानी जाती हैं.
जल तत्व की पहली राशि – कर्क
– कर्क राशि का स्वामी स्वयं चन्द्रमा है
– यह बहुत सुन्दर और चंचल राशि है
– इस राशि में कल्पना सौंदर्य दया और ज्ञान पाया जाता है
– इस राशि की सबसे बड़ी समस्या है – भावुक होना
– इस राशि में वैवाहिक और प्रेम का जीवन अक्सर अच्छा नहीं होता
– इनके लिए सलाह लेकर एक ओपल या मोती धारण करना अच्छा रहता है
– इनको यथाशक्ति शिव जी की उपासना करनी चाहिए
जल तत्व की दूसरी राशि – वृश्चिक
– इस राशि का स्वामी मंगल है
– चन्द्रमा इस राशि में बहुत कमजोर होता है
– इस राशि के पास कला लेखन शिक्षा और राजनीति का गुण होता है
– इस राशि के लोग बड़े अच्छे डॉक्टर भी होते हैं
– इस राशि वालों को अक्सर माता का सुख नहीं मिलता
– इनकी सबसे बड़ी समस्या है – प्रतिशोधात्मक प्रवृत्ति
– इनको सलाह लेकर एक मूंगा या माणिक पहनना चाहिए
– शिव जी की उपासना जरूर करनी चाहिए
जल तत्व की तीसरी राशि – मीन
– इस राशि का स्वामी बृहस्पति है
– चन्द्रमा यहाँ बिलकुल संतुलित होता है
– इस राशि के पास ज्ञान ग्लैमर कला और शिक्षा का गुण होता है
– इस राशि के लोग बड़े अच्छे हीलर होते हैं
– ये अक्सर युवावस्था में भटक जाते हैं
– पर बाद में सही दिशा पाकर खूब तरक्की करते हैं
– इनकी सबसे बड़ी समस्या है – हर चीज़ को परफेक्ट करना
– इनको सलाह लेकर एक मोती या पन्ना पहनना चाहिए
– भगवान् शिव की उपासना जरूर करनी चाहिए