पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उद्याेगों को लगाने के लिए जमीन अलॉट की गई थी। लेकिन कुछ लोगों ने उद्योग स्थापित नहीं किए।अब राज्य उद्योग विभाग के साथ समीक्षा बैठक में उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने ऐसे लोगों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ऐसे लोगों सूची तैयार करते वक्त यह भी देखेगा कि जमीन किस उद्योग के लिए ली गई थी। उद्योग शुरू न करने वाले उद्योगपतियों को नोटिस जारी किया जाएगा। जवाब आने के बाद आगामी कार्रवाई होगी। राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योगपतियों ने सोलन, शिमला, कुल्लू, सिरमौर व कांगड़ा में जमीनेंं खरीदी हैं।
हिमाचल में उद्योग स्थापित करने के लिए अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर माहौल है। बिजली सस्ती होने के अलावा यहां अन्य सुविधाएं भी सरकार मुहैया करवा रही है। औद्योगिक माहौल को देखते हुए बड़ी संख्या में उद्योगपतियों ने राज्य सरकार से जमीन ले रखी हैं। करीब 200 बिजनेसमैन जमीन बेचकर लौट चुके हैं। करीब 100 ने उद्योग स्थापित करने के लिए अभी तक औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की हैं। अब राज्य सरकार ने ऐसे उद्योगपतियों के खिलाफ सख्ती से निपटने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नियमों में छूट देकर उद्योगपतियों को आमंत्रित कर रहे हैं। सरकार के ध्यान में मामला आया है कि प्रदेश में ऐसी कई बेशकीमती जमीनें हैं जिन्हें निवेशकों ने लिया तो उद्योगों के लिए लेकिन काम श्ुरू नहीं किया। सालों से ये जमीन बेकार पड़ी है। सरकार का तर्क है कि जितने उद्योग स्थापित होंगे उतना ज्यादा रोजगार प्रदेश के युवाओं को मिलेगा। सरकार से जमीने लेने के बाद इनका सही प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इससे हिमाचल के युवाओं को भी नौकरी न मिलने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।