भोपाल में हो रहे इस अंतरराष्ट्रीय स्प्रिचुअल फिल्म फेस्टिवल में विश्व सिनेमा की चुनिंदा आध्यात्मिक फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। संस्कृति सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि संस्कृति विभाग द्वारा आईएसएफएफआई कोलकाता के समन्वय से यह आयोजन किया जा रहा है। 19 जनवरी से शुरू हो रहा ये पांच दिवसीय आयोजन 23 जनवरी तक चलेगा।आध्यात्मिक फिल्मों पर आधारित इस फेस्टिवल का शुभारंभ भारत भवन में प्रख्यात फिल्मकार जीवी अय्यर की आदि शंकराचार्य पर केन्द्रित फिल्म के प्रदर्शन से होगा। इसी स्थान पर गौर हरि दास्तान, उप्पिना काकड़ा आदि फिल्मों का प्रदर्शन होने के साथ ही ‘चेतना जगाता सिनेमा’ विषय पर परिचर्चा भी होगी। राज्य संग्रहालय में इसी दिन फिल्म प्रदर्शन एवं कार्यशाला आयोजित होगी। इसमें फिल्म समीक्षा को लेकर संवाद के अलावा मुक्ति भवन, बुद्धा एवं द थिंकिंग बॉडी फिल्मों का प्रदर्शन होगा।
दूसरे दिन भारत भवन में कॉफी मेकर, डॉ. प्रकाश बाबा ऑमटे, रेधा एवं अदामिन्ते माकान आदि फिल्मों का प्रदर्शन होगा। इसके साथ ही सिनेमा में आध्यात्म की धूरी, संगीत एवं कला पर चर्चा होगी। जनजातीय संग्रहालय में योग कार्यशाला, इन सर्च आफ शंकरा, पाथ टू हेप्पीनेस आदि फिल्मों का प्रदर्शन होगा।
तीसरे दिन 21 जनवरी को भारत भवन में यात्रिक, रस-यात्रा, अवेक द लाइफ ऑफ योगानन्द आदि फिल्मों के प्रदर्शन के साथ ही परिचर्चा होगी। इसी दिन जनजातीय संग्रहालय में कार्यशाला के अलावा ‘ बेक्कू द कैट फिल्म का प्रदर्शन भी होगा।
समारोह के चौथे दिन भारत भवन में कठोपनिषद, सौबाला, खोभ आदि फिल्मों के प्रदर्शन के साथ ही कार्यशाला, उद्बोधन एवं संवाद सत्र आयोजित होंगे। इसी दिन जनजातीय संग्रहालय में ही फोटोग्राफी कार्यशाला एवं फिल्म बनारस द अनएक्सप्लोर्ड को दिखाया जायेगा।
समारोह के आखिरी दिन 23 जनवरी को भारत भवन में अल्जीरिया ए ह्यूमेनिटेरियन एक्सपीडिशन, स्वामी विवेकानंद, समाधि माया द इल्यूजन एवं धुन में ध्यान फिल्मों का प्रदर्शन होगा। फेस्टिवल का समापन भी इसी दिन भारत भवन में होगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इन्टरनेशनल स्प्रिचुअल फिल्म फेस्टिवल में देश-दुनिया के प्रतिष्ठित फिल्म कलाकार, सिने-विश्लेषकों, मीडिया एवं आलोचकों की भागीदारी हो रही है।