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शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों का आगे बढ़ना देश के सुनहरे भविष्य का संकेत..

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जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति श्री कोविंद

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में बेटियाँ, बेटों से आगे हैं। यह स्थिति देश के सुनहरे भविष्य का संकेत है। उन्होंने कहा कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी बेटियों ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। क्रिकेट की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश की महिला क्रिकेट टीम ने देशवासियों के दिल को जीत लिया है। राष्ट्रपति श्री कोविंद रविवार को जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय के लगभग 236 विद्यार्थियों को पीएचडी उपाधि और गोल्ड मैडल प्रदान किए। समारोह में 26 छात्राओं को गोल्ड मैडल प्रदान किये गये। साथ ही, लगभग 120 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर उपाधि से विभूषित किया गया।

राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि छात्र-छात्राओं एवं प्राध्यापकों को भारतीय पोषाक में देखकर उन्हें अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिये विद्यार्थी में ललक हो, तो कोई बाधा नहीं आ सकती। महिलायें उच्च शिक्षा हासिल करती हैं, तो अत्यंत खुशी होती है क्योंकि महिलाओं के अन्य पारिवारिक दायित्व भी होते हैं। महिलाओं में शिक्षा के प्रति जो ललक देखी जा रही है, वह सराहनीय है। राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने विकट परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई की और देश के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद पर पहुँचे। इससे साबित होता है कि उनमें शिक्षा के प्रति कितनी ललक थी। उन्होंने कहा कि विद्या धन सभी प्रकार के धनों में श्रेष्ठ माना गया है।

राष्ट्रपति ने विशेष उपलब्धि हासिल करने के लिये छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों एवं प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को माता-पिता ही सही दिशा देते हैं। इसमें समाज की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे विश्वविद्यालय के मान-सम्मान का ध्यान रखें एवं सबकी बेहतरी के लिये काम करें। उन्होंने कहा कि पूर्व विद्यार्थी भी विश्वविद्यालय की बहुमूल्य निधि होते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय में लगभग 2 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इससे साबित होता है कि विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रसार का बहुत बड़ा केन्द्र है। उन्होंने कहा कि समाज का शिक्षा के प्रति नजरिया बदल रहा है। अब माता-पिता बालिकाओं की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने लगे हैं। सरकारें भी बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ जैसे अभियान चला रही हैं। इसके अलावा बेटियों के उत्थान के लिये गाँव की बेटी, प्रतिभा किरण एवं लाड़ली लक्ष्मी जैसी महत्वपूर्ण योजनायें भी चलाई जा रही हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के केन्द्र कितने भी विशाल क्यों न हों, लेकिन उनकी भी क्षमता होती है। इसलिये ऑनलाइन शिक्षा सुविधाजनक है। विद्यार्थी घर बैठे कोर्स पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का प्रभाव बढ़ रहा है और मानव जीवन सुगम बन रहा है। हमारी निर्भरता भी टेक्नोलॉजी पर बढ़ती जा रही है, लेकिन इस निर्भरता को इतना नहीं बढ़ाएँ कि हम अक्षम ही हो जाएँ। उन्होंने कहा कि संकल्प लेने से कठिन काम भी सरल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने का कोई अंत नहीं है। यह पूरे जीवन भर चलने वाली सतत प्रक्रिया है। इसलिये समाज की बेहतरी के लिये इसका उपयोग किया जाए।

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिये कैलेण्डर बनाया जाए। साथ ही परीक्षा समय पर हो, परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किये जायें। इससे विश्वविद्यालय की गरिमा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि विश्व रंगमंच पर तिरंगे को हमेशा ऊँचा रखने में विद्याथियों एवं युवाओं को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को ईमानदारी के साथ ही दृढ़ इच्छाशक्ति भी रखनी होगी। अभी हम विकासशील देशों की श्रेणी में शामिल हैं। अब देश को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को भारतीय परिवेश में आयोजित करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पुरानी परंपरायें गुलामी का प्रतीक थीं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने ज्ञान का उपयोग समाज के हित में करें। श्री चौहान ने कहा कि सही इंसान वही है जो औरों के लिये जीता है। इसलिये देश एवं समाज के लिये कुछ करें। उन्होंने कहा कि सात्विक कार्यकर्ता वही है जो रागद्वेष से मुक्त हो, सबको समान मानता हो, अहंकार शून्य हो, धैर्यवान हो एवं उत्साह से भरा हुआ हो। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि हमेशा सकारात्मक सोच के साथ अपना काम करते रहें तो सफलता अवश्य कदम चूमेगी।

समारोह में हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती संगीता शुक्ला, छात्र-छात्रायें, अभिभावक, प्राध्यापकगण तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 

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