भोपाल। बेमौसम बारिश और ओले ने किसानों की कमर तोड़ दी है। निराश, हताश किसान की निगाहें अब सरकार की ओर टिक गई हैं। सरकार की ओर से जहां बर्बाद फसलों का सर्वे करवाया जा रहा है, वहीं छतरपुर के किसान मुआवजे के लिए धरना दे रहे हैं। रामपुर के किसान मुआवजे की मांग करते हुए खराब फसलों को ट्रॉली में भरकर रातभर से धरने पर बैठे हुए हैं।
गौरतलब है कि बेमौसम बारिश से प्रदेश के कई जिलों में फसल 40 से 80 प्रतिशत तक बर्बाद हो गई हैं। इस तबाही में कई किसानों के खेत में तो फसल के नाम पर कुछ भी नहीं बचा है। सरकार ने किसानों को दोगुना मुआवजा देने की बात कही है, लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार ने जितने मुआवजे का एेलान किया है। वह बेहद ही कम है।
किसानों की मांग है कि फसल का मुआवजा बीस हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की जाए। रामपुर से आए किसानों इसी मांग को लेकर गुरुवार रात सर्द हवाओं के बीच गुजारी। धरने में किसानों के साथ उनका परिवार भी बैठा हुआ। उन्हाेंने खुले में ही खाना भी बनाया और अपना विरोध दर्ज करवाया। किसानों का कहना है कि जब तक फसलों का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक वह कलेक्ट्रोरेट परिसर के बाहर धरने पर ही बैठे रहेंगे। किसानों के साथ धरने पर बैठे आप पार्टी के अमित भटनागर ने कहा कि किसान अपने हक के लिए खुले में बैठे हैं। ऐसे में किसी की तबीयत खराब हो गई तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।