ऊना। मुख्यमंत्री को राजनीतिक इच्छा शक्ति के साथ काम करने का माद्दा दिखाना चाहिए। जंजैहली मसले पर सरकार के साथ-साथ सीएम विफल साबित हुए हैं। SDM को फेरीवाला बनाने से सरकार परहेज करे। यह बात हिमाचल कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को जारी बयान में कही। मुकेश ने कहा कि जंजैहली मसले पर कांग्रेस को दोष देना भाजपा व सरकार बंद करें। यह मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का मसला है और इसे मुख्यमंत्री को आगे आकर हैंडल करना चाहिए।
जब आंदोलन चल रहा है तो ऐसे में मुख्यमंत्री से किन सलाहकारों ने जल्दबाजी में अधिसूचना जारी करवाई। उन्होंने कहा कि स्वयं सरकार की अधिसूचना व जमीनी भावनाएं मेल नहीं खाती है। उन्होंने कहा कि 4 व 3 दिन बिठाने के चक्कर में एसडीएम कार्यालय की गरिमा को गिराने का ही काम किया जाएगा। अग्निहोत्री ने कहा कि बेहतर होता कि सीएम शिवरात्रि की शोभायात्रा के साथ-साथ में जंजैहली का दौरा कर जनता से संवाद स्थापित करते।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं को आगे बढ़ाने में कोई योगदान सांसदों का नहीं है, इसका उदाहरण यह है कि यूपीए सरकार ने जिला कांगड़ा के केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा की है, जो कि आज दूसरे भवनों में चल रहा है, इसका स्थाई भवन है। सांसद के कारण ही नहीं मिला है। इसका शिलान्यास तक नहीं हो पा रहा है, जबकि पूर्व वीरभद्र सरकार ने इसके लिए भूमि भी दी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा बताएं कि सांसद क्यों इस मसले पर राजनीति कर रहे हैं और सेंट्रल यूनिवर्सिटी को 4 सालों में मोदी सरकार के समय क्यों आगे नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि ट्रिपल आईटी सलोह में स्थापित करने के लिए पूर्व वीरभद्र सरकार ने 20 करोड रुपए का प्रबंध किया था, उसकी गारंटी दी है। प्रधानमंत्री के शिलान्यास के बाद तुरंत काम शुरू होना चाहिए था। लेकिन आज भी सलोह में एक ईंट इसकी नहीं लग पा रही है।