भारतीय महिला टी-20 क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर एक मार्च को पंजाब पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) पद पर तैनात होंगी। यह तभी संभव हो सका जब भारतीय रेलवे ने हरमनप्रीत को उनके पद से मुक्त कर दिया क्योंकि यह खिलाड़ी पंजाब पुलिस से जुड़ना चाहती थी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस मामले को रेलवे मंत्रालय के समक्ष उठाया था और हरमनप्रीत को पदमुक्त करने के लिये उनकी बांड शर्तों में ढील की बात कही थी ताकि वह पंजाब में डीएसपी पद से जुड़ सकें। हरमनप्रीत मोगा निवासी हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे ने सरकार को अमरिंदर के अनुरोध को स्वीकार करने की सूचना पत्र के जरिये भेज दी है। भारतीय रेलवे से जुड़ने संबंधित बांड के अनुसार यह क्रिकेटर उनके साथ पांच साल का अनुबंध पूरा करने से पहले पदमुक्त नहीं हो सकती थीं। इसके हिसाब से अगर वह ऐसा करना चाहती तो उन्हें पांच साल का वेतन लौटाना पड़ता। हरमनप्रीत पश्चिम रेलवे में कार्यालय अधीक्षक के तौर पर तीन साल पूरे कर चुकी थीं। उन्होंने पिछले साल रेलवे से इस्तीफा दे दिया था।
पंजाब पुलिस के साथ डीएसपी पद के लिये उनका मेडिकल परीक्षण पहले ही पूरा हो गया था लेकिन भारतीय रेलवे ने उन्हें पदमुक्त नहीं किया था जिससे वह पंजाब पुलिस से नहीं जुड़ सकीं। मुख्यमंत्री ने भारतीय रेलवे के इस कदम पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य को गर्व है कि हरमनप्रीत अब इसके पुलिस बल का हिस्सा होंगी। अमरिंदर ने केंद्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल का भी शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया। मुख्यमंत्री ने महिला विश्व कप 2017 में शानदार प्रदर्शन के बाद पिछले साल जुलाई में हरमनप्रीत को डीएसपी पद की पेशकश की थी