श्रीलंका में मार्च के पहले हफ्ते में शुरू होने वाली निदाहस ट्रॉफी के लिए जब टीम इंडिया का ऐलान हुआ, तो इसमें कई युवा खिलाड़ियों को जगह दी गई, लेकिन उस खिलाड़ी को जगह नहीं मिली, जिसके नाम की उम्मीद करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी लगाए हुए थे. सभी ने यह मान लिया था कि कर्नाटक के ओपनर मयंक अग्रवाल का चयन ट्राई सीरीज के लिए होना ही होना है. लेकिन जब उनका सेलेक्शन नहीं हुआ, तो मंयक के साथ-साथ उनके समर्थकों को भी निराशा हुई. लेकिन बीसीसीआई ने वजह साफ करते हुए घरेलू क्रिकेट में खेल रहे सभी युवाओं को साफ संदेश भी दे दिया.
आपको बता दें कि अपनी समाप्ति की ओर अग्रसर 2017-18 घरेलू क्रिकेट सेशन में मयंक अग्रवाल के बल्ले ने जमकर धमाल मचाया है. मंयक ने सेलेक्टरों के समक्ष साबित किया कि न वह केवल पांच दिनी क्रिकेट के लिए एकदम मुफीद हैं, बल्कि उन्हें वनडे मैचों में भी तेजी से रन बनाना बखूबी आता है. मंयक रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे दोनों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. लेकिन इसके बावजूद बीसीसीआई सख्त हो चला है.
मयंक ने 8 रणजी ट्रॉफी मैचों में 105.45 के औसत से 1160 रन बनाए. इसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 303* रहा, तो उन्होंने कुल पांच शतक जड़े, तो वहीं इस सलामी बल्लेबाज ने विजय हजारे (वनडे) में 7 मैचों में देश में सबसे ज्यादा 633 रन बनाए. और उनका औसत 90.52 का रहा. वनडे में उन्होंने 3 शतक और इतने ही अर्धशतक जड़े. इसके अलावा वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी-20) में सबसे ज्यादा रन बनाने में 13वें नंबर पर रहे. इसमें उन्होंने 9 मैचों में 28.66 के औसत से 258 रन बनाए. लेकिन अब बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि आप भले ही सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों हों, लेकिन हर बल्लेबाज को अनिवार्य शर्त का पालन करना होगा. बीसीसीआई के अधिकारी ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि मयंक का चयन श्रीलंका ट्राई सीरीज के लिए इसलिए नहीं हुआ क्योंकि हम एक व्यवस्था या तरीके पर अमल कर रहे हैं. घरेलू क्रिकेट में बेहतर करने वाले किसी भी खिलाड़ी के नाम पर राष्ट्रीय टीम के लिए विचार करने से पहले उसे भारत ए के लिए खेलना होगा.