मध्यप्रदेश में राज्य सरकार युवाओं को स्वावलंबी बनाकर बेरोजगारों को रोजगार देने वाला उद्यमी बनाने की दिशा में काम कर रही है। इस कार्य में स्व-रोजगार योजनाएँ विभिन्न स्वरूपों में युवाओं के लिये मददगार साबित हो रही हैं। प्रदेश का युवा वर्ग भी नौकरी की बजाय स्वावलंबी उद्यमी बनने में ज्यादा रूचि ले रहा है।
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से सफल उद्यमी बने हैं मुकेश विश्वकर्मा। मुकेश कटनी में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहते हैं। पहले वे दूसरे संस्थानों में नौकरी करते थे। आज वे अपने स्टूडियो में चार बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं। पेशे से कम्प्यूटर हार्डवेयर एक्सपर्ट मुकेश विश्वकर्मा की रूचि फोटोग्राफी और विडियोग्राफी में थी, लेकिन इसके उपकरण काफी महँगे थे। मुकेश को मध्यप्रदेश सरकार की स्व-रोजगार योजना की जानकारी मिली तो इन्होंने पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय पहुँचकर योजना को समझा।
मुकेश विश्वकर्मा ने योजना में आवेदन दिया। उन्हें 4 लाख रुपये का ऋण मंजूर हुआ। साथ ही एक लाख 20 हजार रुपये की राशि अनुदान के रूप में भी मंजूर हुई। इसके बाद उन्होंने डीएसएलआर कैमरा, बिजनिस एडीशन के कम्प्यूटर सिस्टम, वीडियो कैमरा और अन्य उपकरण खरीदे। इसके लिए उन्होंने चार युवाओं को टीम में जोड़ा। आज मुकेश और उनकी टीम फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के क्षेत्र में सफलता पूर्वक काम रही है।
मुकेश अपनी टीम के साथ कटनी के अलावा सिवनी,रीवा और जबलपुर में भी काम कर रहे हैं। उन्होंने मुनाफे की राशि से थ्री-डी प्रोजेक्टर खरीद लिया है। बेहतर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए उनको पुरस्कृत भी किया जा चुका है।