याचिकाओं में निर्वाचन आयोग और सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने दोनों मंत्रियों को भी बतौर निजी प्रतिवादी नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने चुनाव के शपथपत्र में कई जानकारियां छिपाई हैं। संपत्ति की गलत जानकारी देने की बात कही गई है।
मामले पर सुनवाई 18 अप्रैल को होगी। मंडी जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और आईपीएच एवं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के खिलाफ उन्हीं के क्षेत्र के रमेश चंद ने हाईकोर्ट में याचिका डाली है और उनकी सदस्यता खारिज करने की मांग की है।कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा की सदस्यता को भी चुनौती दी गई है। इन पर भी विधानसभा चुनाव के दौरान दिए शपथपत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंत्री महेंद्र सिंह की पत्नी जो हाउस वाइफ हैं, उनके नाम पर 7.68 करोड़ रुपये की संपत्ति कहां से आई, जबकि वर्ष 2012 चुनाव में उनके पास पैन कार्ड तक नहीं था। मंत्री रामलाल मारकंडा के मामले में प्रार्थी का कहना है कि दंपती के नाम पर संपत्ति में समानता नहीं है। रामलाल लाहौल-स्पीति से 2007 में भी विधायक थे, लेकिन उस दौरान और अब तक की संपत्ति मेल नहीं खाती है। इसके अलावा शपथपत्र में संपत्ति संबंधी जानकारी भी गलत है।