ऊना। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग बेरोजगार संघ की पंजावर के रुड़का सिंह सभागार में बैठक आयोजित की गई। अध्यक्षता बेरोजगार संघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कुमार ने की। इस अवसर पर उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में पीटीए पैरा और एसएमसी की तरह बैक डोर एंट्री ही करनी है तो अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड और राज्य सेवा आयोग को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी भर्तियां नियमों के तहत चयन बोर्ड और हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से की जाती हैं। इसमें चतुर्थ श्रेणी के किसी पद के लिए भी किसी बेरोजगार साथी को विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है लेकिन विशेष रूप से पीटीए और एसएमसी के रूप में हजारों भर्तियों में सभी नियमों को दरकिनार कर चुनिंदा लोगों को शामिल करने का सबसे बड़ा बैक डोर एंट्री घोटाला हिमाचल प्रदेश में हुआ है। गौरतलब है कि सरकार की ओर से एसएमसी अध्यापकों के लिए नीति बनाए जाने की घोषणा के विरोध में पूरे प्रदेश में बेरोजगार संगठनों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के स्तर को लेकर पूर्व में रही सरकारों की गंभीरता का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में पीटीए और एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति के लिए संबंधित पाठशाला के पीटीए और एसएमसी प्रधानों को अधिकृत करके साक्षात्कार लिए गए हैं। इसमें अधिकांश जगह दसवीं और जमा दो से भी कम पढ़े लिखे पीटीए और एसएमसी प्रधानों द्वारा साक्षात्कार लेकर प्रदेश में ग्रेजुएट टीजीटी और पोस्ट ग्रेजुएट प्रवक्ताओं के पद भरे गए हैं जो आज प्रदेश में शिक्षाविदों और प्रबुद्ध समाज के लिए यह प्रश्न चिन्ह हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस तरह की बैक डोर एंट्री से प्रशिक्षित पढ़े लिखे बेरोजगार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों की ओर से इन भर्तियों को करते समय शैक्षणिक व्यवस्था का ढिंढोरा पीट कर प्रदेश में सभी वर्गों के हजारों बेरोजगारों को जान बूझकर अंधेरे में रखकर अपने चहेतों को नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार एससी/एसटी एवं ओबीसी वर्ग के नाममात्र बेरोजगार ही शामिल हो पाए हैं। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जल्द प्रदेश में इन भर्तियों में एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग के अनुपातिक बैकलॉग के पदों को नहीं भरा गया तो न्यायालय की लड़ाई के साथ-साथ सड़कों पर उतर कर सरकार की संविधान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा। इस मौके पर संजीव चौहान, सुरेंद्र कुमार, जयराम, अलका चौधरी, जसविंद्र, प्रीति, पल्लवी, सुखविंद्र, रिपन कुमार, निर्मल, विकास, जगदीश कुमार, पूनम, अनूप सहित अन्य भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों की ओर से इन भर्तियों को करते समय शैक्षणिक व्यवस्था का ढिंढोरा पीट कर प्रदेश में सभी वर्गों के हजारों बेरोजगारों को जान बूझकर अंधेरे में रखकर अपने चहेतों को नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार एससी/एसटी एवं ओबीसी वर्ग के नाममात्र बेरोजगार ही शामिल हो पाए हैं। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जल्द प्रदेश में इन भर्तियों में एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग के अनुपातिक बैकलॉग के पदों को नहीं भरा गया तो न्यायालय की लड़ाई के साथ-साथ सड़कों पर उतर कर सरकार की संविधान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा। इस मौके पर संजीव चौहान, सुरेंद्र कुमार, जयराम, अलका चौधरी, जसविंद्र, प्रीति, पल्लवी, सुखविंद्र, रिपन कुमार, निर्मल, विकास, जगदीश कुमार, पूनम, अनूप सहित अन्य भी मौजूद थे।