समाजवादी पार्टी उत्तरप्रदेश की तरह मध्यप्रदेश में भी चुनाव जीतने की सभी संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। तुलसी नगर में संपन्न प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उत्तरप्रदेश की गोरखपुर एवं फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत की खुशी जताई गई। समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गौरी सिंह ने कहा कि, उत्तरप्रदेश के उपचुनाव की तरह ही मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगी।
प्रदेश अध्यक्ष गौरी सिंह यादव का कहना है कि, मध्यप्रदेश में अनेक मुद्दे हैं जिन पर चुनाव लड़ा जाएगा। इस समय मप्र में किसानों लगातार परेशान हो रहा है, किसानों का लगातार मध्यप्रदेश सरकार शोषण कर रही है। मप्र सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संवर्ग के अधिकारियों को प्रशासनिक जिम्मेदारियों से वंचित रखा गया है और सरकारी कामकाज के संचालन में प्रशासनिक जिम्मेदारी व प्रशासनिक कार्य में समुचित जिम्मेदारियां नहीं दी गई हैं।
समाजवादी पार्टी मांग करती है कि, उक्त संवर्ग के कर्मचारी अधिकारियों को सरकारी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के पदों पर आधारित संवैधानिक व्यवस्था का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का भोपाल दौरा जल्द होने जा रहा है। यह कुछ समय पहले होना था, लेकिन उत्तरप्रदेश में लोकसभा के उपचुनाव आने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
सपा प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि, मध्यप्रदेश सरकार आज तक पिछड़ों के लिए मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं कर पाई है शीघ्र लागू किया जाए। अन्यथा समाजवादी पार्टी उक्त सभी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरेगी और कारगर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि, प्रत्येक जिले और विधानसभा क्षेत्रों में जहां पार्टी कार्यालय नहीं है, तत्काल खोले जाएंगे एवं प्रत्येक माह में निश्चित तारीखों पर कार्यकर्ताओं की बैठक भी आहूत की जाएगी
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है, लगातार महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं। मप्र में महिला सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसका जवाब आगामी चुनाव में सरकार को देना होगा। बैठक में संगठन को मजबूत बनाने और सदस्यता अभियान पर भी चर्चा की गई।समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गौरी सिंह यादव ने आरोप लगाया है कि, मध्यप्रदेश में किसान, युवा और छोटे व्यवसायी दुखी हैं। बिजली बिलों की भारी भरकम राशि, बेरोजगारी और महंगाई से प्रदेशवासी त्रस्त हैं। बैठक में सवर्ण गरीबों, दलित, आदिवासियों और पिछड़ों की समस्याओं को लेकर आंदोलन करने का भी निर्णय लिया गया।