पश्चिम बंगाल के रानीगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर बीजेपी ममता सरकार पर हमलावर है. आसनसोल से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्य सरकार को उन्माद के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उसे जिहादी सरकार करार दिया है. सांसद ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की थी. जिसके बाद केंद्र ने रिपोर्ट तलब की है
रामनवमी के दिन से पश्चिम बंगाल और बिहार का कई जिला सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में है. इस बीच केंद्र की मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार से हिंसा पर रिपोर्ट तलब की है और अर्धसैनिक बल भेजने का वादा किया है. केंद्र ने बिहार सरकार से रिपोर्ट नहीं मांगी गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बीजेपी का धुर-विरोधी माना जाता है और वह दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों का मोर्चा बनाने के लिए डेरा डाली हुई हैं. बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) – जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की सरकार है.
रामनवमी के जुलूस को लेकर दो समूहों के बीच संघर्ष होने के बाद से बर्द्धमान पश्चिम जिले के रानीगंज इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. हिंसक संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो पुलिस अधिकारी जख्मी हो गए थे. इसके बाद से हिंसा पर सियासत जारी है. आसनसोल से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने ममता बनर्जी सरकार को उन्माद के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उसे जिहादी सरकार करार दिया है.
सुप्रियो ने कहा, ”पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने से रानीगंज इलाके में हिंसा भड़की. अगर पुलिस ने पहले कदम उठाए होते तो हिंसा को टाला जा सकता था. पुलिस ने अपने राजनीतिक आकाओं के कहने के मुताबिक काम किया और इलाके में गुंडों को पूरी छूट दे दी.”
सुप्रियो ने ट्विटर पर लिखा, ”वह जिहादी सरकार को दिखा देंगे कि बंगाल की आत्मा अभी जिंदा है.” सुप्रियो ने कहा कि राज्य सरकार को रानीगंज में केंद्रीय बलों को तैनात करने का काम शुरू करना चाहिए ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके क्योंकि स्थानीय लोगों का पुलिस प्रशासन पर विश्वास नहीं है. सुप्रियो ने सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की.
वहीं, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बीजेपी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में कहा है कि राम के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पुलिस ने कहा था कि बीजेपी द्वारा रामनवमी जुलूस निकालने के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया. आरोप है कि जुलूस में शामिल लोगों ने एक इलाके में घुसने का प्रयास किया जहां बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं.
बिहार का भागलपुर, औरंगाबाद, समस्तीपुर और मुंगेर में सांप्रदायिक तनाव है. हालांकि पुलिस का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है. औरंगाबाद में दंगे को लेकर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालात ठीक है. मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि वह अफवाह पर ध्यान न दें, किसी भी अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा. अब तक 125 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.