बीजेपी के खिलाफ मोर्चे में जान भरने के लिए कमान अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संभाली है. ममता बनर्जी बुधवार को दिल्ली में सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के बागी नेताओं यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी से अलग-अलग मिलती रहीं. नेताओं से मिलने का उनका ये सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहेगा. ममता का दावा है कि विपक्ष एक होकर बीजेपी को टक्कर देगा तो उसे हर हाल में हरा देगा.
ममता बनर्जी ने तीसरे मोर्चे के गठबंधन के लिए फ़ॉर्मूला दिया है कि आपस में नहीं बीजेपी से लड़ो. ये है ममता बनर्जी का फार्मूला…. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले थे. वहीं विपक्ष को 69 फीसदी वोट मिले थे. अगर ये सब एक हो जाए तो बीजेपी को हराना आसान होगा.
जिस राज्य में जो भी पार्टी ताकतवर है वह बीजेपी से सीधे दो-दो हाथ करे राज्यों में दूसरी पार्टियों को उस पार्टी की मदद करनी चाहिए जो ताकतवर पार्टी है. यानी हर सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार के सामने विपक्ष का एक ही उम्मीदवार हो. अगर विपक्ष एक हो जाता है तो फूलपुर और गोरखपुर में सपा-बसपा के साथ आने से जैसे बीजेपी हारी वैसा ही सब जगह होगी.
2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी होंगे या कोई और दोबारा जिंदा होने की कोशिश कर रही कांग्रेस पीएम मोदी के खिलाफ लड़ाई की बागडोर राहुल गांधी के अलावा किसी और को क्यों देगी खुद ममता को ही राहुल गांधी का नेतृत्व मंजूर नहीं है पश्चिम बंगाल की ही बात करें तो ममता के साथ लेफ्ट पार्टियां सीटों का बंटवारा कैसे करेंगी. यूपी में सपा-बसपा के तालमेल में कांग्रेस कहां जाएगी. मोदी बनाम सब का फायदा उठा कर बीजेपी धुव्रीकरण करने में कामयाब हो सकती है.