नेता प्रतिपक्ष ने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2012 में मध्यप्रदेश में तेजी महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताई थी। उन्होंने फरवरी में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के जबाव में घोषणा की थी “भोपाल और इंदौर में 20 लाख से अधिक जनसंख्या को देखते हुए पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की जाएगी।” इस घोषणा को पूरे 6 साल एक माह हो गया और अब मुख्यमंत्री फिर से इसी प्रणाली की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा जैसे फ्लोर पर जब मुख्यमंत्री अपनी ही घोषणा के प्रति गंभीर नहीं है तो इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि वे जनता के बीच जो घोषणा करते हैं उसके प्रति कितने गंभीर होंगे।
अजय सिंह ने कहा कि निर्भयाकांड के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने महिलाओं के सम्मान के लिए बने अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मौजूदा कानून में बदलाव किया था। शिवराज सरकार ने आज तक प्रदेश में उन कानूनों को लागू करने के बजाए शिगुफेबाजी करने और सम्मान कराने में व्यस्त रही। उनकी उदासीनता के कारण आज प्रदेश में हर दिन महिलाओं के लिए भारी पड़ रहा है। वे घर सुरक्षित लौटेंगी इसकी गारंटी अब शिवराज सरकार में नहीं है।