महेश्वर में राज्यपाल का पूर्व नियोजित कार्यक्रम था। यहां वे पर्यटन विभाग के होटल रिट्रीट में रुकीं। होटल में उनका स्वागत राज्यमंत्री बालकृष्ण ने किया। इस दौरान प्रोटोकॉल के तहत जिला कलेक्टर अशोक कुमार के साथ समस्त वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। राज्यपाल ने महेश्वर की विभिन्न संस्थाओं और प्रतिनिधियों से चर्चा करके उन्हें कई सुझाव दिए।
इसके अलावा राज्यपाल ने महेश्वर नगर के ऐतिहासिक स्थलों, साड़ियों की बनावट और बुनकरों के परिवारों की स्थिति के बारे में संक्षिप्त जानकारी अधिकारियों से ली। जिसके बाद वे विश्व प्रसिद्ध महेश्वरी साड़ी की बनावट और बारीकी देखने के लिए गुड़ी-मुड़ी पहुंची। यहां उन्होंने साड़ी बनाने की तकनीक, रंग, हथकरघा मशीन को देखा और यहां कार्यरत कारीगरों से भी बातचीत की।
राज्यपाल ने साड़ियों की कला के साथ ही ये भी जाना कि इन साड़ियों को किस तरह भारत के साथ ही अन्य मार्केट में बेचा जाता है। महेश्वर की साड़ी देखकर राज्यपाल इतना मुग्ध हुईं कि उन्होंने एक साड़ी अपने लिए भी ले ली। वहीं आनंदीबेन ने राष्ट्रीय अवॉर्ड प्राप्त अकिल अंसारी और असमद अंसारी के घर पर चल रहे कारखाने का भी भ्रमण किया। बता दें कि गुड़ी-मुड़ी में करीब 200 महिलाओं के द्वारा साड़ी निर्माण का काम किया जाता है। राज्यपाल को इस तरह अपने बीच पाकर आम लोग भी बेहद खुश नजर आ रहे थे।