Home Una Special ऊना में SC/ST एक्ट में बदलाव पर भड़का दलित वर्ग

ऊना में SC/ST एक्ट में बदलाव पर भड़का दलित वर्ग

15
0
SHARE
ऊना। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 पर उच्चतम न्यायालय की ओर से दिए फैसले के विरोध में भारत बंद का असर ऊना में देखने को मिला है। प्रदेश गुरु रविदास महासभा जिला ऊना इकाई के तत्वाधान में साधू समाज, दलित संगठनों और गुरु रविदास सभाओं ने ऊना मुख्यालय पर स्वाभिमान रैली निकाली। सभी ने एकजुट होकर अधिनियम में किए बदलाव को पुनर्विचार करने की मांग की। एमसी पार्क से उपायुक्त कार्यालय तक रैली के बाद डीसी कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर गुबार निकाला। इस दौरान उपायुक्त विकास लाबरू को खुद परिसर में आकर ज्ञापन लेना पड़ा।

उन्होंने राष्ट्रपति कोविंद तक ज्ञापन को पहुंचाने का आश्वासन दिया। रैली में श्री गुरु रविदास महासभा इकाई ऊना के अध्यक्ष अधिवक्ता नरेश कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 21 मार्च को दिए फैसले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के संशोधन के आदेश दिए हैं। इनके अनुसार अब इस वर्ग के लोगों पर अत्याचार करने वालों की गिरफ्तारी तुरंत नहीं होगी जबकि यह अधिनियम अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों की ढाल के रूप में प्रभावशाली लोगों से सुरक्षा का काम करता था। इसमें आरोपित की गिरफ्तारी भी तुरंत होती थी। इस कानून पर रोक लगने से यह नाम मात्र रह जाएगा। इससे दलितों पर अत्याचार बढ़ेंगे और असामाजिक तत्वों व दबंगों के हौसले बुलंद होंगे। अधिनियम पर फैसले के बाद देश के सभी दलित संगठनों में रोष है।

इस अवसर पर पूर्व बसपा अध्यक्ष विजय नायर, प्रीतम चंद संधू, पूर्ण चंद, छज्जू राम, संत रविंद्र दास, परस राम, पार्षद रवि बस्सी, पूर्व प्रधान स्वर्णी देवी, महासभा के उप प्रधान नवीन कुमार, महासचिव बलदेव चंद, सलाहकार बख्शी राम भट्टी, अतिरिक्त महासचिव हरि चंद संधू, श्री गुरु रविदास साधू समाज के प्रधान संत रविंद्र दास, सुलिंद्र चोपड़ा, बीडीसी सदस्य ऋतु, ऊना ब्लॉक अध्यक्ष अमरीक सिंह, गगरेट ब्लॉक मनोहर लाल, प्रधान चलेट कमलेश कुमारी, कमलजीत बाबी, सुलिंद्र सिंह, मोनू बग्गा, सेवानिवृत्त प्रिंसिपल भगत राम, गुरु रविदास सभा संतोषगढ़, बाथड़ी, बहडाला, जखेड़ा, महार्षि वाल्मिकी सभा संतोषगढ़, बीआर अंबेडकर मिशन सोसायटी ने भाग लिया।

इंटर स्टेट बस सेवाएं रहीं ठप
भारत बंद होने के चलते एचआरटीसी ने इंटर स्टेट को जोड़ने वाली बसों के रूट बंद कर दिए। इसके चलते यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोग घंटों बस स्टैंड में बसों का इंतजार करते रहे। अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए यात्रियों को मजबूरन निजी वाहनों, टैक्सियों का सहारा लेना पड़ा। निजी वाहन मालिकों ने मुंहमांगे दाम मांग कर खूब चांदी कूटी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here