Home हिमाचल प्रदेश राज्य में लागू कौशल विकास भत्ता योजना …

राज्य में लागू कौशल विकास भत्ता योजना …

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राज्यमें लागू कौशल विकास भत्ता योजना में कैग ने बड़ी खामियां सार्वजनिक की हैं। वीरवार को विधानसभा में रखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इस योजना के लिए श्रम एवं रोजगार विभाग वर्ष 2016-17 में भी सही प्रक्रिया नहीं अपना पाया। रिपोर्ट कहती है कि ट्रेनिंग बीच में छोड़ गए 625 प्रशिक्षुओं को भी विभाग ने 25 लाख रुपये का भुगतान बिना सत्यापन कर दिया। यही नहीं, ऐसे संस्थानों जो इस योजना के तहत पात्रता नहीं रखते थे उसमें ट्रेनिंग ले रहे 3795 युवाओं को 86 लाख बांट दिए गए।

गैर सूचीबद्ध आईटी संस्थानों के करीब 102 प्रशिक्षुओं को भी 1.02 का भुगतान कर दिया गया। कैग ने कहा कि इस स्कीम को ऐसी व्यवस्था के तहत लागू नहीं किया गया, जिससे इसकी सौ फीसदी स्कू्रटनी संभव होती। बीच-बीच में कई बार नियमों को बदला गया और ट्रेनिंग के रिकॉर्ड को भी नहीं रखा गया।

दूसरी ओर ग्रामीण विकास और शहरी विकास विभागों में स्वच्छ भारत मिशन की योजना के तहत बांटी गई धनराशि पर कैग ने सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बैजनाथ और देहरा ब्लॉक में बीडीओ ने व्यक्तिगत परिवारों के बनाए हुए शौचालय देखे बिना ही करीब 8 करोड़ की धनराशि 6587 परिवारों को बांट दी। इन शौचालयों के फोटो वेबसाइट पर भी अपलोड नहीं हुए, जो आवश्यक शर्त थी।

वर्ष 2016-17 की कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि HRTC से इस वर्ष में 23 करोड़ का विशेष पथकर बकाया था। सरकाघाट में आईपीएच द्वारा बनाई जा रही सीवरेज स्कीम पर 4.41 करोड़ के बेकार खर्च की बात रिपोर्ट में की गई है। पर्याप्त पैसा होने के बावजूद स्कीम पर 0.99 करोड़ का अनियमित व्यय हुआ।

कैग की रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2016-17 में वन विकास निगम ने ईंधन की लकड़ी की लागत और परिवहन प्रभारों पर रायल्टी की मांग जान-बूझकर नहीं की। इससे वन निगम को करीब 32 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई। अंतर रेजिन रॉयल्टी पर भी निगम को अढ़ाई करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा।

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