Home फिल्म जगत Movie Review: ‘अक्टूबर’ …..

Movie Review: ‘अक्टूबर’ …..

11
0
SHARE

फिल्ममेकर शूजीत सरकार का जिक्र होते ही यहां, मद्रास कैफे, विकी डोनर और पिंक फिल्म का नाम सामने आता है. शूजीत की एक विशेषता है कि वे अक्सर फिल्ममेकिंग के माध्यम से कहानी को अलग अंदाज में दर्शाने की कोशिश करते हैं. जुड़वा- 2 जैसी फिल्म करने के बाद वरुण धवन को शूजीत ने अक्टूबर फिल्म में एक अलग तरह का किरदार दिया है. ट्रेलर को अगर देखें तो हमें एक अलग फीलिंग भी आती है. आखिर कैसी बनी है अक्टूबर, आइए समीक्षा करते हैं…

कहानी

फिल्म की कहानी दिल्ली के एक होटल से शुरू होती है जहां पर दानिश उर्फ डैन (वरुण धवन) अपने दोस्तों के साथ इंटर्नशिप करता है. अपनी ही दुनिया में रहने वाला डैम बेफिक्री की जिंदगी जीता है. तभी होटल में शिउली (बनिता संधू ) की एंट्री होती है और वह भी एक इंटर्न के तौर पर वहां काम करने लगती है. शिउली को हर एक काम परफेक्ट करने की आदत है. वहीं दूसरी तरफ डैन के काम को देखते हुए उसे अक्सर एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट में शिफ्ट कर दिया जाता है. कहानी में मोड़ तब आता है जब एक दिन होटल के चौथे माले से शिउली गिर जाती है और डैन की जिंदगी में सब कुछ बदल जाता है. फिर डैन ज्यादा समय हॉस्पिटल में बिताने लगता है, किन्हीं कारणों से उसे होटल से निकाल दिया जाता है. जिसकी वजह से वह मनाली जाकर एक मैनेजर के तौर पर होटल में काम करने लगता है. कहानी एक बार फिर से डैन को मनाली से दिल्ली ले आती है. उसके पीछे का कारण क्या है यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

आखिर क्यों देखें?

फिल्म की सबसे अच्छी बात इसकी कहानी है. जिसे बड़े ही सच्चे मन से शूजीत सरकार ने पर्दे पर उतारने की कोशिश की है. जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है अलग-अलग तरह की लेयर्स सामने आती है. बहुत ही खूबसूरत स्क्रीनप्ले जूही चतुर्वेदी ने लिखा है. जिसे हूबहू फिल्म में शूजीत सरकार ने बदला है. इस फिल्म की एक और खासियत है कि इसमें कोई भी जबरदस्ती के गाने नहीं हैं. बैकग्राउंड स्कोर शानदार है. यह शूजीत सरकार की अनूठी कृति है जिसे देखते वक्त महसूस किया जा सकता है. डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, लोकेशन, आर्ट सब कुछ फिल्म के कहानी के संग चलता है. अभिनय के हिसाब से वरुण धवन को आपने इस अवतार में कभी नहीं देखा होगा और एक तरह से यह उनकी बेस्ट परफॉर्मेंस है.वरुण धवन के अभिनय में एक अलग तरह का फ्लेवर मिलेगा और सबसे अच्छी बात यह है कि उनके हाव भाव से आप कनेक्ट भी कर पाते हैं. दूसरी तरफ फिल्म में एक्टिंग डेब्यू कर रही बनिता संधू ने भी बढ़िया काम किया है और उनकी आंखों में एक कशिश है जिससे आप दर्शक के तौर पर जरूर कनेक्ट कर पाते हैं. दोनों के बीच की केमिस्ट्री बहुत ही अच्छी है. बाकी किरदार भी कहानी के संग चलते हैं.  अक्टूबर एक फील गुड फिल्म है जिसे यू सर्टिफिकेट मिला है और हर वर्ग इसे देख सकता है.

कमजोर कड़ी

जिन दर्शकों को मसाला, तड़क-भड़क से भरे हुए गीत और ताबड़तोड़ एक्शन के साथ-साथ हंसी मजाक वाली फिल्मों की आदत है यह फिल्म उन्हें जरूर निराश करेगी. इस फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है. यही कारण है कि शायद हर तरह के दर्शक थिएटर तक ना पहुंचे.

बॉक्स ऑफिस

फिल्म का बजट लगभग 30 करोड़ बताया जा रहा है. ट्रेड पंडितों की मानें तो अक्टूबर पहले दिन लगभग 7 से 8 करोड़ की कमाई करेगी. वर्ड ऑफ माउथ से अच्छा वीकेंड भी आ सकता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here