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गोपाल भार्गव ने आरक्षण को बताया देश के पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह….

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रविवार को नरसिंहपुर में विप्र समागम कार्यक्रम के दौरान मंत्री गोपाल भार्गव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आरक्षण की वजह से देश पिछड़ रहा है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यदि प्रतिभा का सम्मान नहीं किया जाएगा तो यह देश के लिए सही नहीं होगा। आरक्षण को प्रतिभा के साथ मजाक करार देते हुए भार्गव ने देश के पिछड़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण आरक्षण को करार दिया है।

मंत्री गोपाल भार्गव के जिस बयान को लेकर विवाद हो रहा है, उसमें उन्होंने कहा था कि ‘मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि ये किसी समाज के साथ मजाक नहीं हो रहा है, ये ब्राह्मणों के साथ मजाक नहीं हो रहा है। ये मजाक प्रतिभा के साथ हो रहा है, ईश्वर प्रदत्त व्यवस्था के साथ मजाक हो रहा है। मैं ये कहना चाहता हूं कि जब 40 प्रतिशत वाले के लिए 90 प्रतिशत के ऊपर चढ़ा दिया जाएगा, तो देश भी पिछड जाएगा। देश के पिछडने के पीछे सबसे बडा कारण ये है कि प्रतिभा का अपमान होता है, प्रतिभा का सम्मान नहीं हो रहा है, प्रतिभा के लिए दबाया जा रहा है। ठीक है आप कमजोर है, तो जो आपकी पात्रता होगी, लेकिन 90 प्रतिशत 95 और 98 प्रतिशत वालों को घर बिठाकर हम 40 प्रतिशत वालों के लिए यदि हम आगे बढाएंगे, तो देश पिछड़ जाएगा। यदि देश पिछड़ेगा तो भारत माता हमें कभी माफ नहीं करेंगी, भगवान परशुराम हमें कभी माफ नहीं करेंगे।’

अपने बयान के बाद गोपाल भार्गव ने लिखित बयान जारी कर सफाई दी है, उन्होंने कहा है कि नरसिंहपुर में भगवान परशुराम जी की जयंती की पूर्व बेला में आयोजित विप्र समागम में मेरे वक्तव्य को राजनीतिक कारणों से तोड़ मरोड़कर कुछ नेताओं एवं समाचार माध्यमों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है। मैं इस भ्रांति को दूर करते हुए स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं संविधान प्रदत्त आरक्ष का घोर समर्थक हूं। मैनें अपने वक्तव्य में कहीं आरक्षण शब्द का प्रयोग एवं उल्लेख नहीं किया और न इसके पूर्व में अपने 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में किया है। मैनें सैंकडों अनुसूचित वर्ग के युवाओं को नौकरी दिलाई है। जिसकी सूची मेरे पास है। मेरा सभी से निवेदन है कि हम अपने देश की सामाजिक समरसता को और मजबूत करें। अर्थ का अनर्थ न लगाएं, इस कार्यक्रम में भारत सरकार के पूर्व मंत्री श्री सुरेश पचौरी, विधायक संजय शर्मा सहित सैकडों जनप्रतिनिधि सहित पू्ज्य शंकराचार्य भी उपस्थित थे। सभी इसके साक्षी हैं, मेरे वक्तव्य में कहीं आरक्षण का विषय को कोई उल्लेख न है और होगा। और न ही उल्लेख का कोई औचित्य है। कभी कभी सामाजिक बैठकों में मैं मंत्री विधायक नहीं अपितु आम आदमी जैसे एक समाजिक स्वरूप में ही उपस्थित होता हूं।

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