Home राष्ट्रीय महाभियोग प्रस्ताव: सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के न्यायमूर्तियों के खिलाफ महाभियोग लाने...

महाभियोग प्रस्ताव: सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के न्यायमूर्तियों के खिलाफ महाभियोग लाने की प्रक्रिया

21
0
SHARE
प्रस्ताव को लोकसभा या राज्यसभा किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है। इसके लिए लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में कम से कम 50 सदस्यों की जरूरत होती है। प्रस्ताव पारित होने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से इस प्रस्ताव का पारित होना अनिवार्य है। आरोप लगने के बाद जजों की तीन सदस्यीय समिति बनती है। समिति आरोपों की जांच करती है। समिति में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज शामिल होते हैं।

प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति का दस्तख्त अनिवार्य होता है।अभी तक किसी भी जज के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।1991 में जस्टिस वी रामास्वामी के खिलाफ प्रस्ताव पेश हुआ था। लेकिन लोकसभा में उनके खिलाफ प्रस्ताव गिर गया। उन पर आरोप था कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज रहने के दौरान उन्होंने अपने ऑफिशियल निवास पर ज्यादा पैसे खर्च किए थे। 2011 में जस्टिस सौमित्र सेन के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव आया, पास भी हो गया। यह प्रस्ताव लोकसभा में आता, उसके पहले ही जज ने इस्तीफा दे दिया। 2009-2010 में जस्टिस पीडी दिनाकरण के खिलाफ प्रस्ताव आया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here