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परम पावन दलाई लामा को हिमाचल तथा यहां के लोगों से अपार स्नेह : मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर….

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मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि भारत तिब्बत सहयोग मंच तिब्बत से जुड़े मसलों पर विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कर रहा है। मुख्यमंत्री आज मण्डी में भारत तिब्बत सहयोग मंच की 19वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में बोल रहे थे।

श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि यह मंच तिब्बत के पक्ष में आवाज उठाने के उद्देश्य से उभरा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का सौभाग्य है कि परम पावन दलाई लामा ने प्रदेश को अपना दूसरा घर चुना है। उन्होंने कहा कि उनकी पावन मौजूदगी से धर्मशाला विश्व प्रसिद्ध गंतव्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा का प्रदेश तथा यहां के लोगों के प्रति विशेष स्नेह व लगाव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश शक्तिशाली बनकर उभरा ह,ै और आज विश्व समुदाय भारत की अनदेखी नही कर सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है जहां अलग-अलग धर्मों के लोग शांति व पूर्ण सोहार्द के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ हिस्सों की सीमा चीन के साथ लगती है और ऐसे में यह आवश्यक है कि भारत सीमा के नजदीक संचार नेटवर्क को सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन निर्माण का मामला केन्द्र से उठाया है।

श्री जय राम ठाकुर ने मंच को प्रदेश सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया तथा आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी मंच भारत व तिब्बत क बीच दोस्ती व अच्छे सम्बन्धों के लिए कार्य करता रहेगा। उन्होंने कहा कि मंच ने 20वें वर्ष में प्रवेश किया है। इन वर्षों में मंच ने भारत तिब्बत के बीच दोस्ती को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने मंच के 20वें वर्ष में प्रवेश के इस अवसर पर फोटो भी जारी किया।

आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक एवं मंच के संरक्षक इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र अपने प्राचीन सांस्कृतिक इतिहास और पवित्रता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि तिब्बत के लोगों के लिए भारत उनकी कर्म भूमि है और तिब्बत मातृ भूमि। उन्होंने कहा कि तिब्बत के लोग हमारे महान सैनिकों के ऋणी हैं, जो प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज एशिया में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरा है।

उन्होंने कहा कि भारत तथा तिब्बत को क्षेत्र की शान्ति व विकास के लिए संयुक्त रूप से कार्य करना होगा।

भारत तिब्बत सहयोग मंच के संरक्षक एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप अग्निहोत्री ने कहा कि तिब्बत को भगवान शिव व बुद्ध का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं का पवित्र धार्मिक स्थल कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है।

निर्वासन में तिब्बती सरकार के स्वास्थ्य मंत्री वांगचुक ने कहा कि भगवान पदमसंभव ने अपनी शिक्षाओं के लिए 18वीं शताब्दी में मण्डी को चुना था। उन्होंने कहा कि भारत तथा तिब्बत की प्राचीन संस्कृति व इतिहास है, जो शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का सन्देश देता है। उन्होंने कहा कि तिब्बत के लोग हिमाचल में शांति तथा भाई-चारे के साथ रह-रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में निवास कर रहे तिब्बत के लोगों को सहयोग करने के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।

सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि अपने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास के लिए छोटी काशी के नाम से जाना जाने वाले मण्डी शहर को यह समारोह आयोजित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लेह तक रेल लाईन का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह लाईन भारत तथा तिब्बत दोनों के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं उर्जा मंत्री अनिल शर्मा, विधायक राकेश जम्वाल, इन्द्र सिंह गांधी, विनोद कुमार तथा जवाहर ठाकुर, मंच के कार्यकारी अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल तथा पंजाब के पूर्व मंत्री मोहन लाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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