पखवाड़े के ग्यारहवे दिन को एकादशी कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी आती हैं, लेकिन निर्जला एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र एकादशी माना जाता है। निर्जला एकादशी ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष एकादशी को कहा जाता है। इस वर्ष यह एकादशी 23 जून 2018 को मनाई जाएगी।
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी पर व्रत रखने से चंद्रमा द्वारा उत्पन्न हुआ नकारात्मक प्रभाव समाप्त होता है। उपवास रखने से ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है।
2. भक्त पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। निर्जला एकादशी की रात को सोना वर्जित होता है, क्योंकि इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
3. भक्त इस दिन ‘ओम नमोः भगवते वासुदेवाय’ के मंत्र का जाप करते हैं।
4. ब्राह्मणों को कपड़े, छाता, दूध, फल, तुलसी पत्तियां आदि दान करना शुभ माना जाता है।
5. चावल खाना इस दिन सख्त मना होता है