भोपाल केंद्रीय जेल से भागे सिमी आतंकियों की मुठभेड़ में हुई मौत को जांच आयोग ने सही माना है। वहीं जेल ब्रेक की घटना के लिए जेल विभाग के 10 अधिकारी- कर्मचारियों को दोषी मानते हुए उन पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। हालांकि इन अधिकारियों के नाम रिपोर्ट में नहीं बताए गए हैं। सिर्फ ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के बयान लिए हैं। बता दें कि 30 एवं 31 अक्टूबर 2016 की रात आठ सिमी आतंकी केंद्रीय जेल के प्रहरी रमाशंकर यादव की हत्या कर भाग गए थे। 31 अक्टूबर को पुलिस ने भोपाल के मनीखेड़ा गांव में आठों को मुठभेड़ में मार गिराया था। घटना की जांच के लिए सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस एसके पांडे की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था। आयोग की जांच रिपोर्ट को सरकार ने सोमवार को विधानसभा में रखा।
घटना के बाद सरकार ने जेल डीआईजी एमआर पटेल, सेंट्रल जेल भोपाल अधीक्षक एके तोमर, जेलर आलोक बाजपेयी, सहायक जेलर विवेक परस्ते, मुख्य प्रहरी आनंदीलाल और एक अन्य प्रहरी समेत एसएएफ के चार गार्ड को निलंबित गया था। इनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। जेल एडीजी सुशोभन बैनर्जी को पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया था।
अनुशंसा- जेल परिसर की दीवारों की ऊंचाई कम है। कैदी चादर एवं लकड़ी के टुकड़ों की सीढ़ी बनाकर आसानी से भाग सकते हैं। दीवारों की ऊंचाई बढ़ाए जाने की जरूरत।
सरकार-जेलों की आउटरवॉल की न्यूनतम ऊंचाई 4.5720 मीटर निर्धारित है। मॉडल प्रिजन के अनुसार यहां ऊंचाई 6 मीटर होने का प्रावधान किया है। केंद्रीय जेल परिसर भोपाल की आउटरवॉल 6 मीटर की है। इसके ऊपर 1.5 मीटर ऊंची इलेक्ट्रिक फेंसिंग किया जाना है।
अनुशंसा- जेल के 10 अधिकारी व कर्मचारी प्रारंभिक जांच में दोषी।
सरकार- दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उसी तरह एसएएफ के अधिकारी-कर्मचारी जो उस समय ड्यूटी पर थे, उनके विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई की जा रही है
अनुशंसा-पुलिस की मुठभेड़ उचित थी। जेल ब्रेक कर भागे सिमी बंदियों के विरुद्ध बल का उपयोग अत्यंत आवश्यक था और उस समय समय की परिस्थितियों में की गई कार्रवाई उचित थी।
सरकार-न्यायिक जांच के मत से सरकार सहमत।
अनुशंसा- जेल ब्रेक की घटनाओं को रोकने के सुझाव – जेलों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक कमेटी का गठन किया जाए, जो सुरक्षा के मापदंडों का परीक्षण करे। जेल के अधिकारी कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए ट्रेनिंग सेंटर नहीं है। पंजाब की तर्ज पर ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएं।
सरकार- प्रदेश की समस्त 11 केंद्रीय जेलों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए समिति का गठन किया गया है। सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
अनुशंसा-अधिकारी, कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरे जाने के नियमों का कड़ाई से पालन हो।
सरकार का निर्णय- एमपीपीएससी और पीईबी के माध्यम से भर्ती की जा रही है।
अनुशंसा- जेल विभाग को गृह विभाग में शामिल किया जाए।
सरकार- आयोग की अनुशंसा को नहीं माना गया है। जेल विभाग में सुधार के काम किए जा रहे हैं इसलिए विभाग को गृह विभाग में शामिल किए जाने की जरूरत नहीं है।