किसानों एवं बागवानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को आसान करने के लिए केंद्र सरकार से 216 करोड़ के तीन नए प्रोजेक्ट हिमाचल सरकार को मिले हैं। इनमें से दो प्रोजेक्ट बागवानी विभाग में और एक आईपीएच में आया है। जून महीने में ही आए इन तीनों प्रोजेक्टों में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट फ्लोरिकल्चर का है।
बागवानी विभाग को अगले पांच साल के लिए 150 करोड़ का प्रोजेक्ट पुष्प उत्पादन के लिए मिला है। इसे अब राज्य सरकार बजट में घोषित पुष्प क्रांति योजना के साथ चलाएगी, जिसकी गाइडलाइंस को इसी सप्ताह हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है। इसके लिए फूल उत्पादकों को पॉलीहाउस, ट्रांसपोर्टेशन और आधुनिक तकनीक के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
दूसरी योजना मधुमक्खी पालन की है। शहद उत्पादन के लिए भी 15 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है। इससे पहले बागवानी विभाग में केवल एक बी कीपिंग यूनिट होता था। अलग से प्रोजेक्ट आने के बाद इस पर नए सिरे से काम शुरू हो सकेगा। वैसे भी बागवानी उत्पादन में मधुमक्खियों का बहुत योगदान है और पुष्प उत्पादन और शहद उत्पादन भी आपस में जुड़े हुए कार्य हैं।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी के तहत राज्य के लिए 51 करोड़ का शेल्फ मंजूर कर दिया है। ये राज्य की 111 करोड़ छोटी सिंचाई योजनाओं पर खर्च होगा। इनमें से सबसे ज्यादा 40 स्कीमें कांगड़ा जिला की हैं। दूसरे नंबर पर 28 स्कीमें शिमला जिला से हैं। अन्य जिलों को बहुत कम योजनाएं मिली हैं।
इनमें कुल्लू की 13, मंडी की 8, किन्नौर की 1, लाहुल की 2, सिरमौर की 9, सोलन की 2, ऊना की 2, बिलासपुर की 3, हमीरपुर की 2 और चंबा की 1 स्कीम शामिल है। अब राज्य सरकार ने संबंधित क्षेत्र की पंचायतों और जिला प्रशासन को आईपीएच विभाग के साथ संपर्क करने को कहा है, ताकि इन स्कीमों पर काम जल्द शुरू हो सके।