जीएसटी के एक साल पूरा होने पर सरकार ने टैक्स घटाने का वादा दोहराते हुए कहा कि इसमें छोटे कारोबारियों और सहूलियत दी जाएगी। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि कंपोजीशन स्कीम के दायरे में आने वाले कारोबारियों को तीन माह के बजाए सालाना रिटर्न की सुविधा पर विचार किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया में कोई भी बड़ा देश इस हिसाब से जीएसटी लागू करने का साहस नहीं जुटा पाया जो भारत ने कर दिखाया है। अब न सिर्फ कामकाज आसान हो गया है, बल्कि टैक्स चोरी पर भी लगाम लगी है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में जीएसटी संग्रह बढ़कर सालाना 13 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। जीएसटी की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए कहा, लोग कहते हैं कि जीएसटी लागू करने वाली सरकार वापस नहीं आती लेकिन चुनाव तो आएंगे-जाएंगे, ये सरकार जनहित में काम करती रहेगी।
गोयल ने कहा कि उन्होंने वित्त सचिव हसमुख अधिया को इस बात का विकल्प तलाशने को कहा है कि क्या कंपोजिशन स्कीम के तहत आने वाले कारोबारी सालाना रिटर्न दायर कर सकते हैं। इसके अलावा क्या छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमी जीएसटी के तहत एकमुश्त कर भुगतान की कंपोजीशन स्कीम को अपना सकते हैं। इस स्कीम के तहत 1.5 करोड़ तक के कारोबारियों को एक फीसदी ही टैक्स देना होता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मंत्रालय जल्द ही ऐसी प्रणाली बनाएगा जहां कारोबारी हर महीने जीएसटी से संबंधित समस्याओं पर राजस्व अधिकारी से बातें कर सकेंगे।
जीएसटी के एक साल पूरा होने पर आयोजित समारोह में वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि जीएसटी के तहत जून में राजस्व प्राप्ति मई के मुकाबले 1,600 रुपये बढ़कर 95,610 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। कहा, अभी नियमित रूप से हर महीने एक लाख करोड़ की राजस्व प्राप्ति के मुकाम पर हम नहीं पहुंचे हैं, लेकिन उम्मीद है कि जल्द इस स्तर तक पहुंच जाएगा। यदि कारोबार में नकली बिलों का काम बंद हो जाए तो जीएसटी संग्रह और बेहतर होगा। अधिया ने कहा, जीएसटी से जुड़ी शिकायतों के लिए मसलन कोई दुकानदार बिल नहीं देता है तो उसके लिए सरकार दो हफ्ते में एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने जा रही है।