बुराड़ी के संतनगर में रविवार सुबह एक परिवार के 11 सदस्यों की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है। इन लोगों में से 10 के शव फंदे पर लटके थे। उनके मुंह और आंखों पर टेप चिपका था। 75 साल की महिला का शव दूसरे कमरे में जमीन पर पड़ा था। अगर ये सामूहिक हत्या है तो कान में रुई क्यों ठूंसी? अगर खुदकुशी है तो 11 लोग इकट्ठे कैसे राजी हो गए? इस बीच, 11 में से छह शवों की सोमवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई। रिपोर्ट में कहा गया कि ये मौतें फंदे से लटकने की वजह से ही हुई हैं। छह शवों पर संघर्ष करने के निशान नहीं हैं। यह मामला अभी भी कई सवाल खड़े कर रहा है। भास्कर इन सवालों के जवाब लेकर आया है…
आसपड़ोस के लोगाें का कहना है कि जिस युवती की इसी महीने सगाई हुई हो और उसकी शादी तय हो चुकी हो, भाइयों की आर्थिक स्थिति अच्छी हो, वह खुदकुशी क्यों करेगी और सभी इसके लिए राजी कैसे हो जाएंगे? लोगों का मानना है कि यह पूरा मामला हत्या से जुड़ा है, हाथ और पैरों का बंधा होना इस बात की तस्दीक करता है।
2. भाइयों ने पिछले महीने ही मकान में 20 लाख लगाए थे
दोनों भाइयों के परिवारों के बीच बहुत अच्छा तालमेल था। काेई अनबन नहीं थी। इसी महीने उन्होंने पूरे मकान के रिनाेवेशन का काम कराया था। बेटी की शादी तय हो चुकी थी तो इस सामूहिक खुदकुशी में उसे शामिल करने का क्या मतलब था?
3. न पारिवारिक कलह थी, न ही तंगी, तो क्यों खुदकुशी की?
परिवार काफी धार्मिक प्रवृत्ति का था। संभव है कि पूरी घटना अंधविश्वास के जाल में फंसकर की गई हो, जिसमें परिवार के किसी सदस्य की भूमिका हो। यह भी संभावना जताई जा रही है कि किसी बाबा ने उनका माइंड वॉश करके मोक्ष प्राप्त करने के लिए ऐसा करने को कहा हो।
4. पड़ोसियों और परिजनों को भनक कैसे नहीं लगी?
पूरे परिवार ने सुनियोजित ढंग से यह सामूहिक कदम उठाया। इसलिए रात में हलचल होने की संभावना को देखते हुए ही परिवार ने मुंह में टेप और कान में रुई ठूंसी होगी। पड़ोसियों का कहना कि रात 11 बजे तक इस परिवार के कुछ सदस्यों को घर के बाहर ही टहलते हुए देखा था। रात में कोई शोर या हलचल भी महसूस नहीं हुई।
5. मां के गले में न फंदा था न हाथ-पैर बंधे थे?
बुजुर्ग महिला का शव दूसरे कमरे में बेड के नीचे पड़ा मिला। महिला का वजन बहुत अधिक था, इसलिए वे फंदा नहीं लगा सकीं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि परिवार के किसी व्यक्ति ने पहले उनकी हत्या की हो, उसके बाद दूसरे कमरे में बाकी सदस्यों के साथ खुदकुशी कर ली हो।
6. जहरीला पदार्थ खिलाया तो झाग क्यों नहीं निकला?
जांच से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि फंदा लगाने की वजह से इन सबका टायलेट निकला हुआ था। जहर खाने या खिलाए जाने की संभावना कम है। फिर भी पुलिस ने विसरा को सुरक्षित रखवा लिया है, ताकि पता चल सके कि मौत से पहले उन्हें कोई जहरीला पदार्थ तो नहीं खाया था।
1. अगर मर्डर किया गया है तो कान में रुई क्यों डाली गई?
मुंह में टेप और आंख में पट्टी का मकसद ये हो सकता है कि अगर होश आए तो चिल्ला और देख न सकें लेकिन कान में रुई मर्डर की थ्योरी पर सवाल उठाती है। परिवार की किसी से रंजिश नहीं थी। हालांकि, कुछ साल पहले एक हमले में चोट से ललित की आवाज चली गई थी। इलाज के बाद से वे बहुत धीमे बाेलते थे।
2. घर में लूटपाट नहीं हुई है तो हत्या का मकसद क्या था?
एक संभावना ये है कि प्रॉपर्टी के लालच में किसी ने ये हत्याएं कराई हो। जिस घर में इन लोगों की मौत हुई वह करीब सौ गज के प्लॉट में बना है। दोनों भाइयों की अलग-अलग दुकान थी और उनकी जिंदगी एकदम सामान्य तरीके से चल रही थी। परिवार में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था।
3. प्रेम प्रसंग में हत्याकांड हुआ तो कोई सुराग क्यों नहीं?
हो सकता है कि कोई सिरफिरा इस परिवार की लड़की से एकतरफा मोहब्बत करता हो, वह लड़की से शादी करना चाहता हो लेकिन परिवार राजी न हो। इस स्थिति में उसी ने अपने साथियों के संग मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया हो। मगर इसका अब तक कोई सबूत नहीं मिला है।
4. हत्या कैसे हुई? कोई प्रमाण क्यों नहीं मिला है?
इस घर के भूतल पर दो दुकानें हैं। पहली मंजिल पर दोनों भाइयों का परिवार मां के साथ रहता था। दूसरी मंजिल आधी बनी है। सभी 11 सदस्य पहली मंजिल पर ही रहते थे। हो सकता है कि पहले एक-एक कर सबका कपड़े से गला घोंटा गया हो और फिर कपड़े से सहारे जाल से लटकाकर खुदकुशी का रंग दिया गया हो।
5. आंखों में पट्टी, मुंह में टेप, कान में रुई क्यों ठूंसी?
अगर कातिल का मकसद हत्या करना है तो वह वारदात को अंजाम देने के बाद सबसे पहले मौके से फरार होने की कोशिश करेगा, न कि शवों को लटकाने में इतनी मशक्कत करेगा। खुदकुशी दिखाने के लिए ऐसा किया जा सकता है लेकिन उसकी संभावना कम है।
6. आखिर रात को लाइट जाने का रहस्य क्या है?
घर की बालकनी के पास ही बिजली का एक बड़ा खंभा है। एक पड़ोसी के मुताबिक शनिवार रात बारह बजे से तीन बजे तक लाइट नहीं थी। तीन घंटे लाइट बंद होना साजिश हो सकती है।