दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों द्वारा सामूहिक मौत की दिल दहला देने वाली कहानी की पटकथा छोटे भाई ललित ने लिखी थी। इसकी शुरुआत उसने तीन साल पहले की थी। यह बात क्राइम ब्रांच की शुरुआती जांच में सामने आई है।
तीन साल से मौन था: जांच के दौरान डायरी के पन्नों को एक-एक कर पलट रही क्राइम ब्रांच ने जांच आगे बढ़ाई तो यह बात सामने आई है कि ललित वर्ष- 2015 से ही यह डायरी लिख रहा था। वह तब से मौन रहता था। वह कुछ दिन के अंतराल पर डायरी में कुछ न कुछ धार्मिक आदेश की तरह लिख देता था। इस डायरी में लिखी लिखावट की जांच कराने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम हैंड राइटिंग विशेषज्ञ की मदद लेगी। इस बारे में क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं, उनकी बारीकी से जांच की जा रही है।ज्वाइंट कमिश्नर ने यह भी खुलासा किया कि जिस तरह से सामूहिक मौत को अंजाम दिया गया है, उसका जिक्र 26 जून की तरीख में किया गया है। उसमें कान में रूई डालने, हाथ-मुंह बांधने से लेकर इस प्रक्रिया व नियम को मंगलवार, शनिवार व रविवार के दिन करने की बात लिखी गई थी, ठीक उसी अंदाज में इस कांड को अंजाम दिया गया।
आलोक कुमार ने बताया कि जांच में ललित द्वारा डायरी लिखने की बात तो सामने आ रही है लेकिन इसकी जांच के बाद ही हम अधिकारिक बयान दे पाएंगे। उन्होंने बताया कि जांच में रहस्यमयी बातें और सबूत मिल रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र जैसी चीजों से प्रभावित होकर यह कदम उठाया गया है।
क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट तो अभी आई नहीं है। लेकिन उसमें जो संकेत मिले हैं, उसके आधार पर मौत का कारण लटकना (सुसाइडल हैंगिंग) बताया जा रहा है। दरअसल पोस्टमार्टम में मृतकों के साथ किसी प्रकार की जोर-जबरदस्ती की बात सामने नहीं आई है। रिपोर्ट में किसी का भी गला घोटने की बात नहीं है।
क्राइम ब्रांच को यह भी शक है कि ललित किसी से प्रभावित होकर यह कदम उठाता था। चूंकि वह धार्मिक गतिविधियों में हमेशा जुड़ा रहता था और उसके ऐसे लोगों से संबंध भी थे, इस कारण पुलिस उससे करीब पांच दिन पहले मिलने वाले ऐसे दो धार्मिक बाबाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।