भोपाल.राज्य पशु चिकित्सालय के पीछे स्थित झुग्गियों में रहने वाली खुशबू खान भारतीय हॉकी टीम में चुनी गई है। वह राष्ट्रीय हॉकी टीम में चुनी गई भोपाल की पहली महिला खिलाड़ी बन गई है। यह पहला मौका है जब खुशबू का चयन भारतीय महिला हॉकी टीमअंडर-23 के लिए हुआ है। वह अंडर-23 टीम में खेलने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं।
खुशबू बतौर गोलकीपर टीम के बेल्जियम दौरे के लिए चुनी गई हैं। हॉकी इंडिया ने सोमवार को बेल्जियम के एंटवर्प में 14 से 21 जुलाई तक होने वाले छह देशों के अंडर-23 टूर्नामेंट के लिए भारतीय पुरुष और महिला टीमों की घोषणा की है। इसमें महिला टीम की कप्तानी मध्य प्रदेश महिला हॉकी अकादमी, ग्वालियर की खिलाड़ी प्रीति दुबे को सौंपी गई है। जबकि दिप्सान टिर्की को पुरुष टीम का कप्तान बनाया गया है।
चयन के बाद खुशबू खान ने कहा कि मेरी प्राथमिकता भारतीय सीनियर महिला टीम में जगह बनाकर ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना है। अभी मेरा फोकस इस टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करना है। मुझे खुशी है कि जूनियर इंडिया टीम में चुना गया है। मेरे लिए भारतीय टीम में खेलना गर्व की बात है।
मैदान में गोल बचाने की लड़ाई से घर बचाने की लड़ाई तक
– 16 वर्षीय खुशबू की इस सफलता में उसने कई परेशानियों का सामना किया है। हॉकी भोपाल टीम से खेलकर कई बार टीम के लिए गोल बचाने वाली इस खिलाड़ी ने अपने आशियाने को बचाने के लिए भी लड़ाई लड़ी
है। कुछ माह पहले खुशबू की झुग्गी को चिकित्सालय प्रबंधन तोडऩे पर उतारू हो गया था। कई बार नेताओं के तीखे ताने सुनने पड़े थे।
12 किमी पैदल चलकर जाती है प्रैक्टिस करने
– इस खिलाड़ी के पास अन्य खिलाडिय़ों की तुलना में संसाधन की कमी है। इसके पास न कोई साइकिल है न ही अन्य कोई वाहन। यह खिलाड़ी अपने घर से मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम तक 12 किमी पैदल चलकर
अभ्यास करने जाती है।
सीनियर इंडिया खेलना है लक्ष्य
– खुशबू ने बताया कि मुझे खुशी है कि जूनियर इंडिया टीम में चुना गया है। मुझे इस टूर्नामेंट में अपना बेस्ट देना है। जिससे मैं सीनियर वुमन टीम में जगह बना सकूं। इंडिया के लिए खेलना गर्व की बात है। खुशबू
का परिवार 18 साल से झुग्गी में रहता है। जिसमें माता-पिता के अलावा तीन बहनें, दो भाई सहित सात सदस्य हैं।
बेटी ने किया सपना पूरा
पिता शब्बीर खान ने बताया कि खुशबू ने कठिनाईयों वाले सफर के बाद मुकाम हासिल किया है। उसने मेरा सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। उसने परिवार का सपना पूरा कर दिया है। बता दें खुशबू के पिता पेशे से
आटो चालक हैं और पार्टटाइम में ब्लंबर का काम करते हैं।
लड़कों के साथ करतीं हैं अभ्यास
– खुशबू मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और ऐशबाग स्टेडियम में पुरुष खिलाड़ियों के साथ अभ्यास कर अपने खेल कौशल को निखारतीं हैं। वे अपने चयन का श्रेय अशोक ध्यानचंद को देतीं हैं।
– खुशबू के पिता ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। खुशबू घर में सबसे बड़ी हैं लेकिन भारतीय टीम में सबसे छोटी खिलाड़ी है। खुशबू का परिवार 18 साल से झुग्गी में रहता है। जिसमें माता-पिता के अलावा तीन बहनें, दो भाई सहित सात सदस्य हैं।