11 सदस्यीय इस प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष मांग रखी कि जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर मेगा विद्युत परियोजनाओं को निरस्त किया जाए। जिला में छोटी परियोजनाओं पर लाहौलवासियों को विरोध नहीं है, लेकिन अगर यहां पर बड़े प्रोजेक्ट बनते हैं, तो उससे सबसे अधिक असर यहां के पर्यावरण पर पड़ेगा।
प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि किन्नौर में मेगा हाइड्रो प्रोजेक्टों ने वहां के पर्यावरण को बिगाड़ कर रख दिया है। अब लाहौल की जनता को भी मेगा हाइड्रो प्रोजेक्ट बनने से क्षेत्र में तबाही मचने का डर सताने लगा है। इस बारे में केंद्रीय राज्य मंत्री ने लाहौलवासियों को आश्वासन दिया कि इस बारे में केंद्र व प्रदेश सरकार से बात की जाएगी।