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एक जनहित याचिका में हाई कोर्ट ने बुधवार को सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में मांगा जवाब….

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मंदसौर दुष्कर्म कांड को लेकर दायर एक जनहित याचिका में हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। इसमें पूछा है कि प्रदेश में बढ़ रही दुष्कर्म की वारदातें रोकने के लिए क्या इंतजाम किया और इन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए।याचिका में दुष्कर्म पीड़िता 8 साल की बच्ची को इलाज उपलब्ध कराने और एम्स में शिफ्ट करने की मांग भी की गई है।

एडवोकेट अंशुमन श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि नाबालिगों से दुष्कर्म की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। मंदसौर की घटना के मामले में पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो दुष्कर्मी उसी दिन पकड़े जाते, जिस दिन मासूम गायब हुई थी। इसके पहले भी प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर नाबालिगों से दुष्कर्म की कई वारदातें हो चुकी हैं।

हर वारदात के बाद सरकार इंतजाम दुरुस्त करने का दावा करती है, लेकिन होता कुछ नहीं। कोर्ट ने मुख्य सचिव मप्र शासन, कमिश्नर इंदौर, आईजी, कलेक्टर इंदौर और एमवायएच अधीक्षक को नोटिस जारी किए हैं। अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।

बुधवार की शाम को गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह एमवाय अस्पताल पहुंचे। यहां वे आधा घंटा रुके। उन्होंने मंदसौर कांड की पीड़ित बच्ची के परिजन से मुलाकात की। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बलात्कार की घटनाएं प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में हो रही हैं। इसके लिए पोर्न साइट सबसे अधिक जिम्मेदार है। इससे मानसिक विकृति पैदा हो रही है।

बस्तियों की बच्चियां रेप का अधिक शिकार हो रही हैं। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सरकार ने प्रदेश में 21 पोर्न साइट को बैन किया है। उन्होंने कहा कि बच्ची के बेहतर इलाज और भविष्य में पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी। उन्होंने एमवाय अस्पताल के अधीक्षक से बच्ची के स्वास्थ्य की जानकारी ली।

एक जुलाई को सतना के एक गांव में 4 साल की बच्ची को घर से अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। बाद में मरा समझकर झाड़ियों में फेंक दिया। बच्ची की हालत गंभीर है। एम्स में चल रहा है इलाज।

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