आपको बता दें कि साल 2009-10 के दौरान आयकर रिटर्न की एक बार फिर से असेसमेंट करवाने को लेकर प्रदेश हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया था, जिस पर वीरभद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका लगाई थी।
इससे पहले भी वीरभद्र सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आयकर विभाग के 8 दिसंबर 2016 के फैसले को चुनौती दी थी। इस याचिका में पूर्व सीएम ने आयकर रिटर्न के दोबारा असेसमेंट कराने पर रोक लगाने की अपील की थी, लेकिन हाई कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली थी जिस पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।