भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री के मुताबिक पिछले चार साल की सफलता ने कप्तान विराट कोहली की मानसिकता पूरी तरह बदल दी है और आगामी टेस्ट सीरीज में वह ब्रिटेन की जनता को दिखाना चाहेगा कि उसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में क्यों गिना जाता है.
कोहली का पिछला इंग्लैंड दौरा (2014) बेहद ही निराशाजनक रहा था जहां उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में 13.50 की औसत से 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0,7, 6 और 20 रन की पारी खेली थी.
किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं कोहली
आगामी सीरीज में सबकी नजरें कोहली पर लगी हैं, क्योंकि पिछले चार साल में वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक बनकर उभरे हैं.
शास्त्री ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, ‘उनके (कोहली के) रिकॉर्ड को देखें. मुझे ये बताने की जरूरत नहीं कि पिछले चार साल में उन्होंने कैसा प्रदर्शन किया है. जब आप इस तरह का प्रदर्शन करते हैं, तो आप मानसिक तौर पर दूसरे स्तर पर पहुंच जाते है. आप किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहते हैं.’
शास्त्री ने कहा, ‘हां, चार साल पहले जब वह यहां आया था तब उसने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था, लेकिन चार साल बाद वह दुनिया के सबसे अच्छे खिलाड़ियों में से एक हैं. वह ब्रिटिश जनता को दिखाना चाहता है कि वह दुनिया का सबसे अच्छा खिलाड़ी क्यों है.’
शास्त्री ने कहा कि वह आक्रामक क्रिकेट खेलने में विश्वास करता है जो इंग्लैंड जैसे कठिन दौरे पर शीर्ष पर आने के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘हम यहां मैच ड्रॉ करने और संख्या बढ़ाने नहीं आए हैं. हम हर मैच को जीतने के लिए खेलते हैं. अगर जीतने की कोशिश में हार गए तो यह खराब किस्मत होगी. हमें खुशी होगी, अगर हम हारने से ज्यादा जीत अपने नाम कर सकें.’शास्त्री ने कहा, ‘हमारा मानना है कि हमारे पास दौरा करने वाली सबसे अच्छी टीमों में से एक बनने की क्षमता है. फिलहाल, दुनिया में कोई भी टीम ऐसी नहीं है जो दौरे पर अच्छा प्रदर्शन कर रही हो. आप देख सकते हैं कि दक्षिण अफ्रीका का श्रीलंका में क्या हाल हुआ. हम इस दौरे से पहले इंग्लैंड में हमारी स्कोरलाइन जानते हैं (2011 में 4-0), और 2014 में 3-1) हम उससे बेहतर करना चाहते हैं.’
शास्त्री ने फॉर्म से बाहर चल रहे चेतेश्वर पुजारा का बचाव करते हुए कहा कि इस भारतीय टीम में उन्हें अहम भूमिका निभानी है. उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह चिंता की बात नहीं है. उसे (पुजारा) अपनी भूमिका निभानी है.’
उन्होंने कहा, ‘वह इसके बारे में जानता है, क्योंकि नंबर तीन की भूमिका काफी अहम होती है. वह काफी अनुभवी खिलाड़ी है. वह बड़े स्कोर से एक पारी दूर है. उसे क्रीज पर समय बिताने की जरूरत है. अगर वह 60-70 रन बना लेता है, तो उसका मिजाज पूरी तरह बदल जाएगा. मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि उसकी सोच इस दिशा में आगे बढ़े.’
लोकेश राहुल की भूमिका पर शास्त्री ने कहा कि वे टेस्ट सीरीज में हैरानी भरे फैसले कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘राहुल का चयन तीसरे सलामी बल्लेबाज के तौर पर हुआ है. हमारा बल्लेबाजी क्रम हमेशा लचीला होगा. तीसरा सलामी बल्लेबाज शीर्ष चार में कहीं भी खेल सकता है. हम आपको कई बार आश्चर्यचकित करेंगे.’
भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भारतीय आक्रमण की धार थोड़ी कमजोर हुई है लेकिन शास्त्री को लगता है कि टीम के गेंदबाजों में 20 विकेट लेने का माद्दा है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ऐसा गेंदबाजी आक्रमण है जो 20 विकेट ले सकता है. आपको अन्य खिलाड़ियों को आजमाने की जरूरत है. अगर बुमराह और भुवनेश्वर वनडे सीरीज में पूरी तरह फिट होते तो नतीजे अलग होते. अगर दोनों पूरी तरह फिट होते तो टीम चयन में मेरी परेशानी बढ़ जाती.’