महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष लता वानखेड़े का कहना है कि अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं न्याय के लिए लगातार यहां से वहां भटकती हैं जिससे उन्हें परेशानियां उठानी पड़ती है। प्रदेश में कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो बार-बार राजधानी भोपाल के आयोग कार्यालय नहीं आ सकती हैं ऐसी स्थिति को देखते हुए हमने अलग-अलग समितियां बनाने का निर्णय लिया है, इन समितियों के बन जाने से महिलाओं को सीधा फायदा होगा और इस समिति के जरिए महिलाओं की परेशानियों को सुनकर कम समय में ही उनका निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।
महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष लता वानखेड़े ने बताया कि आयोग के द्वारा एक नवाचार किया गया है इसके तहत हमने 51 जिलों में 51 सखियां समिति बनाई है। मध्य प्रदेश के 313 ब्लॉकों में आयोग सिंघानिया बनाई है और पूरे मध्यप्रदेश की 22 हजार 800 पंचायतों में शक्ति समितियां बनाई है। शक्ति समितियों में हमने पांच महिलाओं का गठन किया है और यह समिति हमें कलेक्टर के द्वारा बना कर दी गई हैं। इन समितियों के माध्यम से हमने महिला आयोग को जमीन तक उतारने का काम किया है। अब ग्राम पंचायत की महिलाओं को भी न्याय पाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा
उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में विभिन्न समस्याओं को लेकर 7 लोगों की प्रदेश स्तरीय समितियां भी बनाई है। इस प्रदेश स्तरीय समितियों में सलाहकार समिति, दिव्य समिति, मुक्ति समिति, करुणा समिति, आनंद समिति और सखी समिति शामिल है और यह समितियां इसलिए बनाई गई हैं, इन समितियों के गठन के बाद मध्यप्रदेश से बहुत सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।