विवाह के लिए मुख्य रूप से दो ही ग्रह जिम्मेदार माने जाते हैं. महिलाओं के विवाह के लिए बृहस्पति महत्वपूर्ण होता है. पुरुषों के लिए शुक्र विवाह कारक माना जाता है. कुल मिलाकर वैवाहिक जीवन सबसे ज्यादा शुक्र पर निर्भर करता है. शुक्र के ख़राब होने पर विवाह का बंधन मजबूत नहीं रह पाता परन्तु अगर बृहस्पति ठीक है तो किसी न किसी तरह से विवाह का बंधन जुड़ा रहता है.
कौन से ग्रह विवाह के बंधन को तोड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं ?
मंगल रिश्तों का कारक होता है
इसके ख़राब होने पर रिश्तों में समस्या आ जाती है
यह समस्या विवाह टूटने से लेकर मुकदमेबाजी तक चली जाती है
राहु के कारण अनावश्यक कारणों से विवाह टूटता है
शनि के कारण काफी लम्बे समय बाद जाकर रिश्ते टूट जाते हैं
कमजोर बृहस्पति अहंकार से रिश्तों में दरार पैदा करता है
खराब शुक्र के कारण विवाह बहुत ही जल्दी महत्वाकांक्षाओं के कारण टूट जाता है कब वैवाहिक जीवन में पति पत्नी में ज्यादा कलेश होता है ?
अगर पति पत्नी दोनों के ग्रहों में मित्रता न हो
अगर पति पत्नी के ग्रहों के तत्वों में शत्रुता हो
अगर पति या पत्नी में से केवल एक का मंगल मजबूत हो
अगर दोनों में से किसी एक की कुंडली में चन्द्र राहु या सूर्य राहु का सम्बन्ध हो
अगर किसी एक की भी कुंडली में सूर्य शनि एक साथ हों
उपाय:
किचन में रात को जूठे बर्तन न छोड़ें
घर में टूटा कांच और दर्पण न रक्खें
घर में गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्तियां जलाएं
पति पत्नी दोनों एक साथ सप्ताह में एक बार मंदिर जरूर जाएँ
शुक्रवार को शिव जी को खीर अर्पित करें , और साथ में खाएं
अपने सोने वाले कमरे में रंग बिरंगे फूलों का चित्र लगाएं
अँगुलियों में हीरा धारण न करें
अगर किसी की भी कुंडली में राहु प्रबल होगा तो ऐसी समस्या होगी
अगर शुक्र ख़राब हो तो विवाहेत्तर सम्बन्ध बन जाते हैं
अगर बृहस्पति ख़राब हो तो परिवार के लोग ही विवाह के लिए समस्या हो जाते हैं
अगर मंगल ख़राब हो तो दोस्तों के कारण विवाह टूटने की नौबत आ जाती है
राहु के साथ चन्द्र या बुध का संयोग हो तो वहम और शक के कारण विवाह टूट जाता है , वास्तव में कुछ नहीं होता
शनि के कारण अक्सर करियर और काम , वैवाहिक संबंधों के टूटने का कारण बनता है उपाय
अगर मामला विवाहेत्तर संबंधों का हो
नित्य प्रातः सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें
इसके बाद सूर्य के सामने गायत्री मन्त्र का जाप करें
अगर परिवार के लोग समस्या दे रहे हों
बृहस्पतिवार को केले के पौधे में जल डालें
पौधे के नीचे बैठकर बृहस्पति के मन्त्र का जाप करें
अगर मामला दोस्तों का हो
हर शनिवार को हनुमान जी का दर्शन करें
शनिवार को घर में ही सुन्दरकाण्ड का पाठ करें
अगर शक या वहम की समस्या हो
अपने सोने के कमरे में काम से काम इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान रक्खें
कमरे में सफ़ेद प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करें
नित्य प्रातः और सायं “नमः शिवाय” का जाप करें