ऊना। चिंतपूर्णी में दस अक्तूबर से शुरू होने वाले आश्विन नवरात्रों में लगने वाले लंगरों को लेकर मंदिर प्रशासन बेहद गंभीर हो गया है। भरवाईं में हुई मेला कमेटी की बैठक में एसडीएम अंब सुनील वर्मा ने साफ कह दिया है कि दस अक्तूूबर से शुरू होने वाले नवरात्रों में इस बार कम संख्या में लंगर लगाने वाली संस्थाओं को परमिशन दी जाएगी। जो मंदिर न्यास के नियमों का पालन करेगा, उसको लंगर लगाने दिया जाएगा। एसडीएम ने मिरगू और रेही में लगने वाले लंगरों को अनुमति न देने के लिए मंदिर अधिकारी को आदेश दे दिए। इन स्थान पर जगह काफी तंग है।
यहां लंगर संस्थाएं नियमों की धज्जियां उड़ाती नजर आती हैं। एसडीएम सुनील वर्मा ने लंगर की अनुमति देने से पहले थाना प्रभारी चिंतपूर्णी, मंदिर अधिकारी और नायब तहसीलदार भरवाईं की संयुक्त टीम को लंगर लगाने वाले स्थान पर जाकर निरीक्षण करने के कहा है। इस अवधि के दौरान लगने वाले लंगरों की गुणवत्ता जांचने के लिए फूड इंस्पेक्टर भी मेले में मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि भरवाईं में हुए बस हादसे वाली जगह पर एक तरफ लंगर भी चला था और सड़क पर कुछ गाड़िया लंगर खाने के लिए भी रुकी थीं। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी एवं 35 के करीब लोग घायल हो गए थे। इसी हादसे से सबक लेते हुए प्रशासन मेलों में लंगर वालों को लेकर कोताही नहीं बरतना चाहता है।
एसडीएम अंब सुनील वर्मा ने कहा कि नवरात्र में कम संख्या में लंगर संस्थाओं को अनुमति दी जाएगी। तंग जगह पर लंगर नहीं लगाने दिए जाएंगे। अनुमित देने से पहले लंगर लगाने वाले स्थान का निरीक्षण किया जाएगा। उसके बाद अनुमति दी जाएगी। लंगर संस्थाओं से पहले की तरह 15 हजार बतौर सिक्योरिटी लिए जाएंगे, जिसमें से 5 हजार रिफंडेबल रहेगा।