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निरामयम् मध्यप्रदेश (आयुष्मान भारत)….

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मध्यप्रदेश में 23 सितम्बर से आयुष्मान भारत योजना का लाभ सवा करोड़ से अधिक लोगों को मिलने लगा है। प्रदेश में यह योजना आयुष्मान मध्यप्रदेश ‘निरामयम्’ के नाम से लागू की जा रही है। योजना से प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 37 लाख परिवारों को हर साल 5 लाख रूपये का नि:शुल्क कैशलेस स्वास्थ्य सुरक्षा कवच मिल गया है।

योजना का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच निर्धन वर्ग के लोगों तक सुलभ बनाने के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध कराना है। यह स्वास्थ्य सुरक्षा कवच कैशलेस है, मतलब इसमें मरीज के उपचार का पैसा परिवार को न दिया जाकर, इलाज करने वाले अस्पताल को सीधे भुगतान किया जायेगा। खास बात यह है कि इस योजना का लाभ तो गरीब परिवारों को मिलेगा लेकिन, पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जे) में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सामाजिक, आर्थिक, जातिगत गणना (SECC) में चिन्हांकित लाभार्थियों के अतिरिक्त, मध्यप्रदेश शासन द्वारा खाद्य सुरक्षा में प्रदाय समग्र पर्ची/पात्रता एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है। भविष्य में अन्य योजनाओं के हितग्राहियों या समाज के अन्य वर्गो को भी इस योजना में शामिल करने पर विचार किया जायेगा।

प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के माध्यम से हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की स्थापना की जा रही है। इन्हें ग्राम एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित किया जा रहा है। इन केन्द्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं के अलावा टेली मेडीसिन पद्धति से विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श भी मिल सकेगा। इन केन्द्रों में आयुष पद्धति और योग आदि के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली संबंधी परामर्श भी दिया जायेगा। प्रदेश में इन केन्द्रों में मध्यप्रदेश आरोग्यम् नाम दिया गया है। यह केन्द्र प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्थापित किये जा रहे हैं।

योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया

पात्र परिवार के सदस्यों को किसी भी बीमारी की स्थिति में शासकीय अस्पताल में अथवा चिन्हित निजी अस्पताल जाकर जाँच करवानी होगी। वहाँ पर डॉक्टर उनकी जाँच करके उपचार देंगे। यदि वह उपचार सरकारी अस्पताल में संभव होगा, तो उन्हें वहाँ भर्ती करवा दिया जायेगा। यदि वह इलाज मेडिकल कॉलेज में ही संभव होगा तो उन्हें वहाँ रेफर कर दिया जायेगा, जहाँ तय पैकेज के अनुसार उन्हें उपचार मिल सकेगा। जिला मलेरिया अधिकारियों को इस योजना का नोडल ऑफिसर बनाया गया है। सरकार ने पहले से ही सभी पात्र परिवारों का सर्वे करवाकर सूची बनवा ली है। अगर परिवार के किसी सदस्य का नाम सूची में जुड़ नहीं पाया है या फिर गलत अंकित हो गया है, तो उसे ठीक करने के लिए भी व्यवस्था की गई है।

मरीजो को भटकना ना पड़े और कोई भी परेशानी न हो, इसके लिए चिन्हित अस्पतालों में आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति की गई है। इनके माध्यम से नागरिकों को योजना की प्रक्रिया एवं कागजी कार्यवाही पूर्ण करने में सहायता मिलेगी। चिन्हित अस्पतालों में आयुष्मान भारत कियोस्क भी स्थापित किये गये है, जिनका रंग इस तरह से तय किया गया है, कि मरीजों और परिजनों को ढ़ूँढ़ने में परेशानी न हो। पात्रता के विषय में जानकारी www.ayushmanbharat.mp.gov.in,http://mera.pmjay.gov.in/ वेबसाइटदेखकर स्वयं जाना जा सकता है। आयुष्मान भारत मिशन योजना का प्रदेश में मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अंतर्गत पंजीयन किया गया है।

प्रदेश के सभी जिलों में योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में क्रियान्वयन इकाइयों का गठन किया गया है। इकाई में मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपाध्यक्ष, जिला मलेरिया अधिकारी नोडल ऑफीसर और जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला संसूचना प्रणाली प्रबंधक, जिला जन शिकायत निवारण प्रबंधक सदस्य बनाये गये हैं।

आयुष्मान कियोस्क

योजना के पात्र नागरिकों की सुविधा के लिए आयुष्मान कियोस्क स्थापित किये गये हैं। चिन्हित चिकित्सालयों में इन विशेष कक्षों की स्थापना एवं ब्रान्डिग की गई है, जिससे नागरिकों को सहज ही यह कियोस्क दिख सके एवं वे इनके माध्यम से योजना की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें।

योजनान्तर्गत मेडिकल कालेजों एवं अन्य अस्पतालों (शासकीय एवं निजी) की अधिमान्यता हेतु निर्धारित प्रक्रिया एवं मापदण्ड़ों के अनुरूप पात्रता होने पर अधिमान्यता प्रदान की जा रही है। विस्तृत जानकारी वेबसाईट www.ayushmanbharat.mp.gov.in पर उपलब्ध है।

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